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भारत के 4 बड़े बिजनेसमैन जिन्होंने बिना पढ़ाई किए खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार, अधिकतर लोगों को तो नही पता इनके नाम

भारत अपनी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। हमेशा से यह कई सारी चीजों का केंद्र रहा है। भले ही हमें स्वतंत्रता 1947 में मिली थी। लेकिन ये सच है कि इंडिया हमेशा व्यापार में काफी सक्रिया रहा है।
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भारत अपनी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। हमेशा से यह कई सारी चीजों का केंद्र रहा है। भले ही हमें स्वतंत्रता 1947 में मिली थी। लेकिन ये सच है कि इंडिया हमेशा व्यापार में काफी सक्रिया रहा है। हमारे देश ने दुनिया को कई अच्छे व्यवसायी दिए है।

इन व्यावसायियों ने साबित कर दिया कि सफलता के लिए उच्च शिक्षा हासिल करना जरूरी नहीं इन बातों को हम नहीं कह रहे इन बातों को साबित किया है भारत के शीर्ष के उद्योगपतियों ने। उन शख्सियतों ने जिनकी पढ़ाई लिखाई न के बराबर हुई है।

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लेकिन उनका उद्योग हजारों करोड़ का है। आज हम जिन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने जीवन में सफलता के कदम चूमने के लिए साक्षर होना, उच्च शिक्षा हासिल करना, बड़े बड़े विश्वविद्यालयों में भारी भरकम लेक्चर सुनना अनिवार्य नहीं समझा।

बस अपनी मेहनत के दम पर देश बड़े बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल हो गए। इनका डंका देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बजता है।

वालचंद हीराचंद

सेठ वालचन्द हीराचन्द ने देश में जहाज बनाने, एयरक्राफ्ट बनाने की शुरुआत की थी। इसके रास्ते वे देश के दूसरे व्यापारों में भी आए और एक सफल कारोबारी बने। उनका जन्म 23 नवम्बर 1882 गुजरात के जैन परिवर में हुआ था।

पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के बाद उन्होंने पहले फैमिली बिजनेस करना शुरू दिया। लेकिन बाद में उन्होंने घरेलू व्यापार को छोड़ दिया और खुद से जहाजरानी, वायुयान निर्माण, कार निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और सफलता के कदम चूमे।

रामकृष्ण डालमिया

रामकृष्ण डालमिया ने 18 साल की उम्र में जब कारोबार की दुनिया में कदम रखा, तो पिता विरासत में उनके लिए कुछ भी छोड़कर नहीं गए थे। इसके बाद अगले कुछ सालों में उन्होंने बड़ा उद्योग खड़ा कर लिया।

जबकि उनकी शक्षणिक योग्यता के बारे में पता करें तो प्राइमरी के बाद उनके स्कूल या कॉलेज जाने का कोई सबूत नहीं मिलते। लेकिन इन्होंने डालमिया ग्रुप की स्‍थापना की।

इन्होंने चीनी फैक्ट्री, सीमेंट, पेपर, बैंक, इंस्योरेंस कंपनी, बिस्कुट, एविएशन कंपनी और पब्लिकेशन के क्षेत्र में काम किया।जबकि उनकी अपनी पढ़ाई ल‌िखाई बहुत ही कम हुई थी।

घनश्याम दास बिड़ला

इस सूची में सबसे ऊपर नाम घनश्याम दास बिड़ला (जीडी बिड़ला) का है। जीडी बिड़ला का राजस्‍थान के पिलानी में 1894 में हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई के बाद कोलकाता जाकर व्यसाय शुरू कर दिया।

इन्होंने केएम बिड़ला ग्रुप की स्‍थापना की थी। एक आंकड़े के मुताबिक इस ग्रुप की परिसंपत्तियां करीब 200 अरब रुपये है। जीडी बिड़ला ने आरंभिक पढ़ाई के बाद ही पढ़ाई लिखाई से तौबा कर लिया था।

MDH के धर्मपाल गुलाटी

MDH के धर्मपाल गुलाटी का जन्म साल 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ। शुरुआती दिनों में ही बेहतर पढ़ाई के संस्‍थान और मन ना लगने के चलते इनकी शिक्षा छूट गई थी।

यहीं से उनके व्यवसाय की नींव पड़ी। उन्होंने कंपनी की शुरुआत शहर में एक छोटे से दुकान से की। लेकिन 1947 में उनका परिवार दिल्ली आ गया। यहां इन्होंने मसालों का व्यापार शुरू किया।