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फुटपाथ किनारे किताब लेकर पढ़ रहे बच्चे के लिए पुलिसवाले ने किया अनोखा काम, वजह जानकर तो आप भी करेंगे सलाम

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो मिसाल बन जाते हैं। जहां आज के समय में लोगों को खुद के फायदे के अलावा और किसी चीज से मतलब नहीं है। छोटे से काम में भी जब तक उन्हें अपना मुनाफ़ा नहीं दिखता, वो कोई काम नहीं करते। 
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traffic police turns teacher
   

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो मिसाल बन जाते हैं। जहां आज के समय में लोगों को खुद के फायदे के अलावा और किसी चीज से मतलब नहीं है। छोटे से काम में भी जब तक उन्हें अपना मुनाफ़ा नहीं दिखता, वो कोई काम नहीं करते, वैसे समय में अगर कोई निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद की अदद करता है तो वाकई हैरानी होती है।

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सोशल मीडिया पर कोलकाता पुलिस द्वारा शेयर अपने एक सार्जेंट की स्टोरी लोगों को काफी इंस्पायर कर रही है। ये ट्रैफिक पुलिस अपनी ड्यूटी के दौरान सड़क किनारे रहने वाले बच्चे को पढ़ाता है ताकि उसका एडमिशन अच्छे सरकारी स्कूल में हो जाए।

कोलकाता पुलिस द्वारा फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की गई है। इसमें रोड के किनारे बैठे एक बच्चे के सामने खड़ा ट्रैफिक पुलिस उसे पढ़ा रहा है। पोस्ट में लिखा गया है कि मिलिए शिक्षक सिपाही से। ये ट्रैफिक पुलिस बल्लीगंज आईटीआई के पास ड्यूटी करता है।

कई दिनों से वो सड़क किनारे खेलते एक आठ साल के बच्चे को देख रहा था। जब उसने बच्चे की मां से बातचीत की, तब पता चला कि पैसे के अभाव के कारण बच्चा पढ़ नहीं पा रहा है। ऐसे में सिपाही ने उसकी मदद का फैसला किया।

रोज लेता है क्लास

ये बच्चा अपनी मां के साथ फुटपाथ पर ही रहता है। वो क्लास थ्री का स्टूडेंट है लेकिन उसे अच्छे स्कूल में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करवाने के लिए महिला के पास पैसे नहीं थे।

ये जानने के बाद सार्जेंट घोष ने बच्चे को पढ़ाने की कमान संभाली। अपनी ड्यूटी करते हुए वो पहले सड़क के यातायात को स्थिर करता है उसके बाद किनारे आकर बच्चे को पढ़ाता भी है।

खड़े होकर पढ़ाना मज़बूरी

ट्रैफिक पुलिस की चुस्त यूनिफॉर्म की वजह से सार्जेंट घोष बैठ नहीं पाते। वो सड़क के किनारे खड़े होकर ही बच्चे की लेते हैं। बच्चे को पढ़ाने के बाद उसे होमवर्क दिया जाता है। सार्जेंट घोष ना सिर्फ उसकी पढ़ाई बल्कि उसकी हैंडराइटिंग से लेकर उसके उच्चारण तक को करेक्ट करते हैं।

जब कोलकाता पोलइ ने इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर किया, इसके बाद लोग पुलिस की तारीफ करने लगे। आज के समय में अपनी ड्यूटी से समय निकाल गरीब बच्चे की अदद करने वाला कम ही नजर आता है। ऐसे में कई लोग सार्जेंट की तारीफ कर रहे हैं।