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डॉक्टरों के सामने आया दुर्लभ केस जिसके महिला ने कोमा में दिया बच्चे को जन्म, थोड़ी सी देर होने पर हो जाती अनहोनी

बच्‍चे के जन्‍म के लिए मां का एक्‍ट‍िव होना बहुत जरूरी माना जाता है. क्‍योंकि बच्‍चे के स्‍वस्‍थ पर इसका सीधा असर होता है. नवजात शिशु विशेष रूप से असुरक्षित होते हैं क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी तक भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है.
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डॉक्टरों के सामने आया दुर्लभ केस जिसके महिला ने कोमा में दिया बच्चे को जन्म
   

बच्‍चे के जन्‍म के लिए मां का एक्‍ट‍िव होना बहुत जरूरी माना जाता है. क्‍योंकि बच्‍चे के स्‍वस्‍थ पर इसका सीधा असर होता है. नवजात शिशु विशेष रूप से असुरक्षित होते हैं क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी तक भी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है.

ऐसे में उसे मां से ही ताकत मिलती है. लेकिन एक दुर्लभ मामला सामने आया है. एक मां ने कोमा में रहते हुए बच्‍चे को जन्‍म दिया. मां इस हालत में पहुंच गई थी कि तन‍िक सी देर हो जाती तो मां और बच्‍चा दोनों की जान जा सकती थी.

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न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 33 साल की एम्‍मा टेलर अक्‍तूबर में अचानक बीमार हो गईं. तब वह सात महीने की गर्भवती थीं. पत‍ि ने बताया, मैंने एंबुलेंस को फोन किया लेकिन आने में देर हो रही थी, मैं खुद ही कार ड्राइव कर उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया. डॉक्‍टरों ने कहा, आप भाग्‍यशाली हैं.

अगर कुछ मिनट की और देरी हो जाती तो दोनों को बचा पाना मुश्क‍िल था. डॉक्‍टरों ने बताया कि एम्‍मा को ट्यूमर है जो ब्‍लास्‍ट कर गया है. अगर तुरंत बच्‍चे का जन्‍म नहीं कराया गया तो जहर फैल जाएगा. दोनों की जान भी जा सकती है. समय से 6 हफ्ते पहले ही बच्‍चे का जन्‍म कराया गया .

विशाल ट्यूमर के साथ रह रही थी

स्कैन में पता चला कि एम्‍मा एक विशाल ट्यूमर के साथ रह रही थी, जो गर्भावस्था के हार्मोन के बढ़ने के बाद फट गया था. इससे उसके मस्तिष्क में ब्‍लीडिंग हुई, और परिणामस्वरूप उसके मस्तिष्क के दाह‍िने ह‍िस्‍से ने काम करना बंद कर दिया. इससे उसके शरीर का बायां हिस्‍सा लकवाग्रस्‍त हो गया. डॉक्‍टरों के मुताबिक, बच्‍चे की सेहत पर भी इसका असर हो सकता था लेकिन दुर्लभ मामला इसल‍िए है क्‍योंकि बच्‍चा पूरी तरह सुरक्ष‍ित था और उसे कुछ भी नहीं हुआ.

हाथों या सिर हिलाकर ही बात कर रही

लंदन के डॉक्‍टरों ने जन्‍म के दो दिन बाद उनके ब्रेन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की. कई डॉक्‍टरों की टीम ने 60 मिलीमीटर लंबे ट्यूमर को कई घंटों चले ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला. डेंटल हाइजीनिस्ट अभी भी अस्पताल में है और केवल अपने हाथों या सिर हिलाकर ही बात कर सकती है.

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डॉक्‍टरों को संदेह है कि टेलर बचपन से ही इस ट्यूमर के साथ जी रही थी. अस्‍पताल ले जाने से पहले उसने सिरदर्द की शिकायत की थी. उसके शरीर का बायां हिस्‍सा झूल गया था और दाहिनी आंख आधी खुली और आधी बंद थी. पत‍ि ने कहा कि एमा पूरी तरह से जानती है कि क्या हुआ है. वह संवाद करने के लिए संघर्ष करती है. वह भरोसा जता रही है कि वह जल्‍द घर लौट आएगी.