तीन साल का मासूम बच्चा मम्मी की शिकायत करने पहुंच गया थाने, बोला मम्मी को जेल में डाल दो
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का एक छोटा सा वाकया सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर देगा। देड़तलाई पुलिस चौकी में एक 3 साल के बच्चे ने कुछ ऐसा किया जो शायद ही किसी ने सुना हो। बच्चे ने अपनी मां के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। उसकी शिकायत थी कि उसकी मां ने उसे बिना उसकी मर्जी के काजल का टीका लगाया और प्यार से गाल पर थप्पड़ भी मारा।
ये भी पढ़िए :- भारतीय नोट जिस कागज से बनते है उसको आम आदमी खरीद सकता है या नही, क्या इसके लिए भी लेना पड़ता है कोई लाइसेंस
मासूमियत का मुकदमा
इस बच्चे की मासूमियत सिर्फ यहीं नहीं रुकी। वह अपने पिता के साथ चौकी पहुंचा और बड़ी मासूमियत से अधिकारियों से कहा कि उसकी मां उसकी कैंडी और चॉकलेट भी चुरा लेती हैं। उसकी यह बात सुनकर पुलिस चौकी में मौजूद सभी लोगों की हंसी छूट गई। बच्चे ने यहाँ तक कह दिया कि उसकी मां को जेल में डाल दो।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने बच्चे की बातों को गंभीरता से न लेते हुए भी उसकी बातों को सुना और उसे आश्वस्त किया। चौकी प्रभारी प्रियंका नायक ने खुद बच्चे की शिकायत को कागज पर लिखा और बच्चे से उस पर हस्ताक्षर करवाए जो कि महज कुछ आड़ी-तिरछी लकीरें थी। यह सब देख वहां मौजूद सभी लोगों का मनोरंजन हुआ।
#मासूमियत #मां ने प्यार से गाल पर मारा थप्पड़ 3 साल का बेटा पापा के साथ जिद्द करके पहुंचा थाने, बोला मम्मी मेरी कैंडी व चॉकलेट चुराती है उसे जेल में डाल दो, बच्चे का दिल रखने के लिए कागज पर लिखा भी गया #viralvideo #बुरहानपुर जिले के खकनार का है @abplive @ABPNews pic.twitter.com/MpzMDZ8KtD
— Shaikh Shakeel (@Shaikh0733) October 17, 2022
मासूमियत का मायने
इस घटना ने सबको यह दिखाया कि किस तरह बच्चे अपने छोटे-छोटे मुद्दों को भी बड़ी गंभीरता से लेते हैं। बच्चे की इस मासूमियत ने न केवल उसके माता-पिता का दिल जीता बल्कि वहां मौजूद हर किसी का भी।
ये भी पढ़िए :- रामानंद सागर ने रामायण में बादल और कोहरा दिखाने के लिए किए थे ऐसे जुगाड़, उस टाइम बिना टेक्नॉलजी के ऐसे हुई थी शूटिंग
सोशल मीडिया पर छाई मासूमियत
इस बच्चे की मासूमियत का वीडियो जल्दी ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने इसे खूब सराहा और इसे एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के रूप में देखा। इस घटना ने न केवल बच्चे के मासूमियत की बात को उजागर किया बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे आधुनिक समय में भी बच्चों के छोटे-छोटे दुःख-दर्द को महत्व दिया जाना चाहिए।