घर पर खेल रहे छोटे बच्चे को उठा ले गया तेंदुआ तो बहादुर मां ने तेंदुए से ली टक्कर, बहादुर मां की बहादुरी देख भाग खड़ा हुआ जंगल का शिकारी
हाल ही में मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक खबर सामने आई है, जो एक मां के साहसिक कार्य के इर्द-गिर्द घूमती है। रिपोर्टों से पता चलता है कि इस मां ने अपने बच्चे को आदमखोर तेंदुए से बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। बच्चा लगभग मरने की स्थिति में था।
लेकिन मां ने हार नहीं मानी और अपने बच्चे को वापस लाने के लिए तेंदुए से लड़ी। मां ने कई किलोमीटर तक तेंदुए का पीछा किया, आखिरकार अपने बच्चे की जान बचा ली। इस मां की बहादुरी की तरफ ध्यान खींचते हुए इस दिल को छू लेने वाली कहानी को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
हाल ही में जिस माँ की बहादुरी के चर्चे चारों तरफ हो रहे हैं। वह एमपी के पहाड़ों से घिरे बाड़ी झरिया गांव की रहने वाली शंकर बेगा की पत्नी किरण बेगा है। यह अपने बच्चों के साथ ठंड से बचने के लिए अलाव जलाकर बैठी हुई थी।
इसी दौरान एक बच्चा मां की गोद में था और बाकी के दो बच्चे पास ही बैठे थे। अचानक से तेंदुए ने पीछे से हमला कर उसमें से एक बच्चे को अपने मुंह में दबाकर भाग गया। ठंड में घना अंधेरा होने की वजह से वह बच्चे को जंगल की तरफ लेकर भागा।
माँ ने तेंदुए लड़ बचाई अपने बच्चे की जान
लेकिन माँ ने उम्मीद नहीं छोड़ी और वह लगातार 1 किलोमीटर दूर तक तेंदुए के पीछे भागती रही और जब तेंदुआ जंगल की तरफ जाकर रुका तो वह बच्चे को अपने पंजों में दबा कर बैठा हुआ मां को दिखा। इतना खौफनाक दृश्य देखने के बावजूद भी मा ने हिम्मत नहीं हारी।
बल्कि दुगनी हिम्मत से और बहादुरी दिखाते हुए उसके पंजों से अपने बच्चे को छीना। तेंदुआ भी अपनी अपने शिकार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। जिसकी वजह से उन्हें दोबारा बच्चे पर हमला किया। लेकिन मां ने अपने बच्चे को बेहद जकड़ के पकड़ा हुआ था।
जिसकी वजह से वह बच्चे को पाने में असफल रहा। इतने में वहां गांव के लोग भी पहुंचने लगे। जिसकी वजह से तेंदुआ बच्चे को छोड़ भागने के लिए मजबूर हुआ। अपनी इस बहादुरी की वजह से यह मां काफी सुर्खियों में बनी हुई है। किरण ने तुरंत पूरी स्तिथि को भाल कर खूब जोर जोर से शोर मचा था।
जिसकी वजह से वहां गांव वाले जल्द ही पहुंच पाए। इतनी खतरनाक स्थिति में भी किरण ने पूरी जागरूकता से काम लिया। इसी वजह से वह अपने बच्चे को बचा पाए। वन अधिकारी ताम सर सीधी असीम भूरिया ने इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि जंगल में एक मां और उसके बच्चे पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया.
विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायल जोड़े को अस्पताल पहुंचाया। इसके अतिरिक्त, वन विभाग ने उदारतापूर्वक बच्चे की चोटों के लिए सभी चिकित्सा खर्चों को वहन किया। हालांकि बच्चे को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन चिकित्सा पेशेवरों ने पुष्टि की है कि उनका जीवन खतरे में नहीं है।
वन विभाग और जिला प्रशासन भी परिवार को सहायता के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। साहसी मां की यह कहानी सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है।