अगर लोन ना भरे तो क्या बैंक सच में बेच सकता है गिरवी रखी हुई प्रॉपर्टी, लोन लेने से पहले जान लेना ये जरूरी बात
हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि वह अपना खुद का घर बनाए। खासकर मिडिल क्लास के लोग इस सपने को साकार करने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। यह लोन उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार घर बनाने की सुविधा प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में बैंक या फाइनेंशियल कंपनी घर को गिरवी रख लेती है।
जिसे लोन चुकाने के बाद वापस रिलीज किया जाता है। यह प्रक्रिया अपनी प्रॉपर्टी को बेचने की योजना बनाने वाले प्रत्येक मिडिल क्लास परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलती है। बल्कि भविष्य में निवेश के लिए भी मार्ग प्रशस्त होता है।
लोन और गिरवी रखी प्रॉपर्टी
जब कोई व्यक्ति होम लोन लेता है तो उसकी प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी के रूप में रहती है। इसके चलते अगर वह व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहता है, तो उसे पहले सभी लोन चुकता करने पड़ते हैं क्योंकि प्रॉपर्टी के सभी मूल दस्तावेज बैंक की हिरासत में होते हैं।
'लोन आउटस्टैंडिंग' लेटर की आवश्यकता
अगर किसी प्रॉपर्टी पर लोन लिया गया है और उसे बेचना है, तो बैंक से 'लोन आउटस्टैंडिंग' लेटर प्राप्त करना पहला कदम होता है। इस दस्तावेज से यह स्पष्ट होता है कि प्रॉपर्टी पर कितना लोन शेष है और यह खरीदार को भी बताया जाता है। इस लेटर के बिना प्रॉपर्टी की बिक्री करना संभव नहीं होता।
खरीदार की भूमिका और बैंक की प्रक्रिया
जब कोई खरीदार प्रॉपर्टी को खरीदने का निर्णय लेता है। तो वह खुद लोन का शेष भुगतान करता है और फिर लोन बंद करने के लिए आवेदन देता है। इसके बाद बैंक 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' जारी करता है जिससे यह पुष्टि होती है कि अब प्रॉपर्टी पर कोई बकाया लोन नहीं है। इस सर्टिफिकेट के मिलने के बाद बैंक प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज वापस कर देता है।
प्रॉपर्टी ट्रांसफर की अंतिम प्रक्रिया
'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' और ओरिजनल दस्तावेज प्राप्त हो जाने के बाद प्रॉपर्टी के मालिक के पास अपनी प्रॉपर्टी को बेचने या किसी और के नाम पर ट्रांसफर करने का पूरा अधिकार होता है। इस प्रकार वह अपनी प्रॉपर्टी को बाजार में बेच सकता है या नए खरीदार के नाम ट्रांसफर कर सकता है।