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Chanakya Niti: एकदम से धन प्राप्ति होने पर भूलकर भी मत करना ये 5 ग़लतियां, अगर माता लक्ष्मी हुई नाराज तो पलभर में हो जाएंगे कंगाल

आज से करीब 3 हजार साल पहले आचार्य चाणक्य का जन्म हुआ था। वे भारत के महान सैन्य रणनीतिकार, अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे।
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आज से करीब 3 हजार साल पहले आचार्य चाणक्य का जन्म हुआ था। वे भारत के महान सैन्य रणनीतिकार, अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे। उनका चाणक्य नीति नामक ग्रन्थ समाज, राष्ट्र, राजनीति और सैन्य क्षमता पर था। इसमें आचार्य चाणक्य ने बहुत सी महत्वपूर्ण बातें लिखी हैं, जो हजारों वर्षों बाद भी आज भी महत्वपूर्ण हैं। इस किताब में आचार्य चाणक्य ने कहा कि धन मिलने पर पांच बातों को भूलकर भी नहीं भूलना चाहिए। ऐसा न करने पर उसे कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि वे क्या हैं। 

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धन आने पर कभी न करें ये गलती

कई बार लोग धन आने पर व्यर्थ का दिखावा करने लगते हैं. आपको ऐसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए. इस प्रकार के व्यक्तियों से लोग कन्नी काट लेते हैं और उससे दूरी बनाना शुरू कर देते हैं. इसके बजाय उस धन का इस्तेमाल अपने और दूसरे लोगों की बेहतरने के लिए करना चाहिए. इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. 

धन को खर्च सोच-समझकर करें

Chanakya Niti For Money के अनुसार, सोच-समझकर धन खर्च करें। धन सबसे अच्छा मित्र है जब आप संकट में हैं। यही कारण है कि जो लोग अपने धन को सुरक्षित नहीं रखते, वे विपरीत परिस्थितियों में मुसीबत का सामना करते हैं। 

दूसरे लोगों के सामने न करें चर्चा

चाणक्य नीति कहता है कि जब भी आपके पास धन आ जाए तो बाहर के लोगों से इसके बारे में नहीं बोलना चाहिए। इसके बारे में बोलने से चोर और शत्रु सक्रिय हो जाते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही कारण है कि इस बारे में चुप्पी साधे रखें और अपने धन की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। 

दूसरों को न करें अपमानित

धन का इस्तेमाल दूसरों को अपमानित करने या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए. ऐसे करने से मां लक्ष्मी की नाराजगी झेलनी पड़ती है और घर में गरीबी का प्रवेश हो जाता है. लिहाजा धन का इस्तेमाल सकारात्मक तरीके से ही करना चाहिए. 

कभी न करें अहंकार

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti For Money) का कहना है कि किसी को धन मिलने पर कभी भी अपने आप पर गर्व नहीं करना चाहिए। धन दिखाने से शत्रु बढ़ते हैं और लोग उनसे चिढ़ते हैं। कभी-कभी उनका अति उत्साह उन पर भारी पड़ता है।