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Chanakya Niti: शादी के बाद पत्नी करे ये काम तो मर्द को झट से दूसरी तरफ़ कर लेनी चाहिए अपनी नज़र, वरना इसका रिश्ते पर पड़ सकता है बुरा असर

कौटिल्य, विष्णु गुप्त और वात्सायन के नाम से प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य की नीतियां पूरी तरह से रहस्यपूर्ण हैं। उनकी नीतियों पर दुनिया भर में बहस होती है।
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कौटिल्य, विष्णु गुप्त और वात्सायन के नाम से प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य की नीतियां पूरी तरह से रहस्यपूर्ण हैं। उनकी नीतियों पर दुनिया भर में बहस होती है।

हर जगह कहा जाता है कि आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति पूरी जिंदगी खुशी से और सुख से बिता सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग सिद्धांतों को शामिल किया है। 

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पुरुषों और महिलाओं को उन सीमाओं में रहना चाहिए बताया गया है। यही कारण है कि चाणक्य की इन नीतियों को छोड़कर जीवन जीने की शुरुआत करने से आप धीरे-धीरे पतन की ओर चले जाएंगे। 

चाणक्य ने लोगों को कुछ कामों से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि ऐसा करने वाले पुरुषों को परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के सिद्धांतों को अपने जीवन में शामिल करने से जीवन में सुधार होगा। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कई और विषयों, जैसे धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, परिवार, रिश्ते, मर्यादा, समाज, संबंध, देश और दुनिया, को सिद्धांत दिया है। 

चाणक्य के नीतिशास्त्र के सिद्धांतों में से ये सबसे महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि चाणक्य ने पति-पत्नी के रिश्तों और संबंधों पर भी अपने सिद्धांत दिए हैं, जो जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

चाणक्य ने कुछ बातों से बचने की सलाह दी है ताकि वे जीवन में उन्नति और प्रगति कर सकें, न कि पतन की ओर। ऐसे में चाणक्य ने बताया कि पुरुषों को किस तरह की गलतियों को भी नहीं करना चाहिए।

ऐसी महिलाओं को नहीं देखें जो भोजन कर रही हों

चाणक्य कहते हैं कि शिष्टाचार के नियमों में रहकर भोजन करना हमेशा अच्छा होता है। वह कहती है कि भोजन करते समय एक महिला को पुरुषों को नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह शिष्टाचार की बात है। 

क्योंकि ऐसा करने से महिलाएं असहज होती हैं और खाना नहीं खाती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं बीमार होती हैं। लेकिन आज जब समाज बदल गया है और महिलाएं और पुरुष एक साथ खाने लगी हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

महिलाएं अगर कपड़े संभाल रही हों

चाणक्य कहते हैं कि पुरुषों को अपनी नजरें फेर देना चाहिए जब कोई स्त्री या लड़की अपने बदन के कपड़े बदल रही हो। चाणक्य ने अपराध को अपराध माना है। साथ ही चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं को छिंकते और जम्हाई लेते समय भी पुरुषों को नहीं देखना चाहिए। यह पुरुषों की मर्यादा है और इसका उल्लंघन आपको गिरा देगा।

श्रृंगार करती महिलाएं

चाणक्य कहते हैं कि श्रृंगार करती और काजल लगाती महिलाओं को पुरुषों को नहीं देखना चाहिए। यह व्यवहार मर्यादा के खिलाफ है। पुरुषों को देखते ही किसी औरत को बच्चे को तेल मालिश करते देखा जाना चाहिए। इसे देखना भी अनुचित माना जाता है।