Chanakya Niti: किसी भी इंसान का बुरा टाइम आने से पहले दिखने लगते है ये 5 संकेत, समय रहते कर लेंगे सुधार तो नहीं होगा ज्यादा नुकसान
आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान, शिक्षक होने के साथ ही रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में काफी कुछ लिखा है जो आज भी प्रसिद्ध हैं। आपको भले ही आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार थोड़े कठोर लगे मगर ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इन विचारों को नजरअंदाज ही क्यों न कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। उनके द्वारा कही गई बातें और नीतियों के जरिए कोई भी इंसान अपने जीवन के बेहतर बना सकता है। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे।
आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जब कभी भी बुरा समय आता है तो उसका आभास पहले ही होने लगता है। दरअसल, चाणक्य जी कहते हैं कि अगर हम आसपास घटने वाली कुछ घटनाओं पर ध्यान दें तो हमें बुरा वक्त आने का संकेत मिल जाएगा। चलिए जानते हैं उन संकेतों के बारे में।
चाणक्य के अनुसार अगर किसी घर में तुलसी के पौधे का सूख जाना, घर में क्लेश होना, शीशे का बार बार टूटना, पूजा पाठ ना करना और बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार करना जैसे संकेत दिखे तो इसका मतलब है कि उस घर में आर्थिक संकट आने वाला है।
तुलसी का पौधे सूखना
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का सूखना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं कि यदि काफी देखरेख के बाद भी तुलसी का पौधा सूख जाता है तो ये भविष्य में आने वाली आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है। हालांकि, कई बार पानी नहीं देना और ठंड की वजह से भी तुलसी का पौधा सूखने लगता है।
घर में क्लेश होना
यदि आपके घर में बिना बात के कलह, लड़ाई-झगड़े या क्लेश होते रहते हैं तो ये आने वाले आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है। हालांकि, कई बार ग्रह दोष या वास्तु दोष जैसी समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
शीशे का टूटना
यदि आपके घर में बार-बार कांच टूट रहा है तो ये धन हानि को दर्शाता है। इसके अलावा ये घर में आने वाली दरिद्रता का भी संकेत हो सकता है।
घर में पूजा पाठ न होना
चाणक्य जी कहते हैं कि जहां पूजा पाठ नहीं होता है वहां पर सुख-समृद्धि का वास नहीं होता है और आए दिन मतभेद होता रहता है। चाणक्य जी के अनुसार, ये भी आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।
बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना
हम सभी को बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो उनके दिल को चोट पहुंचेगी। बड़े बुजुर्गों के साथ इस तरह व्यवहार करने वाले लोग जीवन में कभी भी खुश नहीं रहता है। ये भी आर्थिक संकट का एक संकेत है।