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Chanakya Niti: कामयाब लीडर बनने के लिए व्यक्ति में जरूर होने चाहिए ये गुण, हर कोई करेगा तारीफ

आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को सफलता का दर्पण कहा जाता है। आचार्य चाणक्‍य को बेहतरीन अर्थशास्‍त्री और कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है।
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आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को सफलता का दर्पण कहा जाता है। आचार्य चाणक्‍य को बेहतरीन अर्थशास्‍त्री और कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है।

चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कई पहलुओं पर चर्चा की है। जो लोगों के लिए काफी मददगार साबित होती है। चाणक्य ने बताया है की एक लीडर में क्या गुड़ होना चाहिए। 

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गलतियों से सीखें

आचार्य चाणक्‍य की नीति के अनुसार किसी भी कुशल लीडर बनने के लिए निरंतर सीखते रहना चाहिए। फिर चाहे वो गलतियों से ही क्यों न हो। चाणक्‍य कहते हैं कि गलतियों से इंसान बहुत कुछ सीखता है

लेकिन कोशिश करें कि खुद की गलतियों के बजाए दूसरों की गलती से सीख लें। यह आपको लक्ष्‍य की प्राप्ति की ओर अग्रसर करता है।

बहुत ज्‍यादा ईमानदारी न दिखाएं

चाणक्य कहते हैं बेहतरीन लीडरशिप स्क्ल्सि के लिए ईमानदारी जरूरी है लेकिन बहुत ज्‍यादा नहीं। चाणक्य का कहना है कि जो लोग जरूरत से ज्‍यादा ईमानदार बनने लगते हैं,

कई बार उससे आस-पास के लोगों को परेशानी होने लगती है। लीडर होने के नाते यह हमेशा देखें की आपकी वजह से दूसरों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

बुराई को हावी न होने दें

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि अच्‍छाई की खुशबू दूर तक फैलती है। इसलिए कभी भी परिस्थितियां कैसी भी हों खुद को न बदलें। एक अच्छा लीडर बनने के लिए जरुरी नहीं है कि आपको बुराई का रास्ता ही चुनना पड़े।

चाणक्‍य कहते हैं कि मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी बुराई को खुद पर हावी न होने दें। यथा ऐसे लोग आपको सफलता मिलने में या फिर आपकी टीम को लीड करने में भी बाधक हो सकते हैं।

सीक्रेट्स को किसी से शेयर न करें

चाणक्‍य के अनुसार एक कुशल लीडर को कभी भी अपने सीक्रेट्स किसी से शेयर नहीं करने चाहिए। बात चाहे किसी कार्य-व्‍यवसाय को लीड करने की हो या फिर घर-परिवार की।

आप बेहतरी के लिए जो भी योजनाएं बनाएं उन्‍हें किसी से शेयर न करें। इसके पीछे यह तर्क है कि हो सकता है कि जो तरीका आपको सही लगता है वह सामने वाले को सही न लगे।

ऐसे में आप तो कुछ अच्‍छा करने की कोशिश करेंगे। लेकिन सामने वाले की नापसंदगी की चलते हो सकता है कि आपको अपना फैसला बदलना पड़े जिसका परिणाम आपकी उम्‍मीदों के मुताबिक नहीं हो।