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घर के अंदर से सीढ़ियां बनाते वक्त गलती से मत कर देना ये काम, वरना बाद में होगा बड़ा पछतावा

किसी भी घर की उन्नति सीढ़ियों से सीधे जुड़ी हुई है। ये भी जीवन के उतार-चढ़ाव से सीधे जुड़े हुए हैं।
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घर के अंदर से सीढ़ियां बनाते वक्त गलती से मत कर देना ये काम
   

किसी भी घर की उन्नति सीढ़ियों से सीधे जुड़ी हुई है। ये भी जीवन के उतार-चढ़ाव से सीधे जुड़े हुए हैं। अगर घर के बाहर सीढ़ियां हैं, तो शुक्र है। ये मंगलवार हैं अगर आप घर हैं। कुल मिलाकर, सीढ़ियां राहु-केतु से जुड़ी हैं। जीवन में अचानक समस्याएं गलत सीढ़ियों से उत्पन्न होती हैं।

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इनके कारण राहु केतु बिना कारण प्रभावित होते हैं। कहते हैं कि नैऋत्य कोण की सीढ़ियां सबसे सही हैं।सीढ़ियों को उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम की ओर बनाना चाहिए। मुख्य दरवाजे के सामने आग्नेय या ईशान कोण में सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए। सीढ़ियों का घुमाव कम होगा।

सीढ़ियां घर में हमेशा चौड़ी होनी चाहिए। सीढ़ियों पर प्रकाश जवाब होना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, दुकान या पानी से जुड़े सामान नहीं होना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे मंदिर नहीं बनाना भूल जाओ।सीढ़ियों को भी सफेद रखें। सीढ़ियों वाली दीवार पर लाल स्वास्तिक लगाएं।

यदि आपने सीढ़ियों के नीचे कुछ गलत बनाया है, तो एक तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। सीढ़ियों के नीचे उचित प्रकाश व्यवस्था करें। सीढ़ियों की पहली सीढ़ी पर और अंतिम सीढ़ी पर एक हरे रंग का डोरमैट रखें। सीढ़ियों के नीचे किताबों या पढ़ने-लिखने की वस्तुओं को रखने की व्यवस्था कर सकते हैं। पाश्चात्य देशों में यह मान्यता अधिक आम है। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक या अध्यात्मिक कारण नहीं है। इसलिए इसे अंधविश्वास कहा जाएगा।