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रेल्वे पटरियों के किनारे रखे इन बॉक्स को मामूली समझने की ना करे भूल, रेल्वे के लिए बहुत बड़ा काम करते है ये सफ़ेद बॉक्स

यात्रियों की सुरक्षा रेलवे के लिए सर्वोप‍रि है। दुर्घटनाएं रोकने और हादसों का पता लगाने के लिए रेलवे कई इंतजाम करता है। सुरक्षा प्रबंधों में कोई कोताही नहीं बरती जाती है।
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Indian Railway Track Technology
   

यात्रियों की सुरक्षा रेलवे के लिए सर्वोप‍रि है। दुर्घटनाएं रोकने और हादसों का पता लगाने के लिए रेलवे कई इंतजाम करता है। सुरक्षा प्रबंधों में कोई कोताही नहीं बरती जाती है। ट्रेन के पहिये, पटरियों और अन्‍य चीजों को खास तरीके से बनाया जाता है।

सुरक्षा और निगरानी के लिए कई उपकरण भी ट्रेन के अंदर, पटरियों पर और ट्रैक के साइड में लगाए जाते हैं। ट्रेन की पटरियों के किनारे लगाए गए एल्युमिनियम बॉक्स को आपने भी जरूर देखा होगा। बहुत लोग इन बॉक्स को इलेक्ट्रिक बॉक्स समझते हैं।

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लेकिन, ऐसा नहीं है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि एक्‍सल काउंटर बॉक्‍स कहलाने वाला एल्‍युमिनियम का यह डिब्‍बा ट्रेन के डिब्‍बों की गिनती ही नहीं करता साथ ही यह भी बताता रहता है कि ट्रेन किसी दिशा में जा रही है और कितनी स्‍पीड से दौड़ रही है।

सुरक्षा के लिहाज से लगाया गया यह बॉक्‍स दुर्घटना रोकने में बहुत सहायक है। इन्‍हें हर तीन से पांच किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। इन बॉक्स के अंदर एक स्टोरेज़ डिवाइस लगी होती है, जो सीधे ट्रेन की पटरियों से कनेक्ट होती है।

जब भी ट्रेन गुज़रती है, तो पटरियों के किनारे लगे बॉक्स ट्रेन के एक्सल को गिन लेते हैं, जिससे ये पता लग सके कि जितने एक्सल के साथ ट्रेन स्टेशन से निकली थी अभी भी उसमें उतने ही एक्सल है या नहीं।

डिब्‍बा छूटते ही कर देगा है रेड सिग्‍नल

दरअसल, एक्‍सल काउंटर बॉक्‍स पटरियों पर लगी एक तार से कनेक्‍ट होता है। जब ट्रेन वहां से निकलती है तो वह एक्सल (दो पहियों के जोड़कर रखने वाला रॉड) को गिन लेता है। इससे यह गिनती होती रहती है कि 5 किलोमीटर पहले इस ट्रेन में जितने पहिए थे उतने पहिए पांच किलोमीटर बाद भी रहे।

अगर किसी दुर्घटनावश गाड़ी के पीछे के कोच मुख्य ट्रेन से अलग हो जाएं तो उस स्थिति में ये यह सूचना अगले बॉक्‍स को दे देता है। अगला बॉक्‍स यह सूचना पाते ही सिग्‍नल रेड कर देता और ट्रेन रुक जाती है। साथ ही नजदीकी रेलवे स्‍टेशन को भी यह बता देता है कि ट्रेन के कोच छूट गए हैं।

जांच पड़ताल में आसानी

ट्रेन के कुछ कोच अलग हो जाते हैं, तो Axle Counter Box की मदद से यह पता लगाना भी आसान हो जाता है कि वे किस जगह पर छूटे हैं। इससे उन्‍हें खोजने और जांच-पड़ताल में मदद मिलती है। एक्‍सल काउंटर बॉक्‍स ट्रेन की स्पीड और ट्रेन की दिशा को भी रिकॉर्ड करता है।