पढ़े लिखे लोगों को भी नही पता होता Flyover और Overbridge के बीच अंतर, अगर नही जानते तो आज जान लो
भारतीय शहरों में दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या और ट्रैफिक जाम की समस्याओं के चलते यातायात को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने कई फ्लाईओवर और ओवरब्रिज का निर्माण किया है। इन निर्माणों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को आरामदायक और जाम-मुक्त यात्रा कराना है।
भारतीय शहरों में दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या और ट्रैफिक जाम की समस्याओं के चलते यातायात को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने कई फ्लाईओवर और ओवरब्रिज का निर्माण किया है। इन निर्माणों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को आरामदायक और जाम-मुक्त यात्रा कराना है।
फ्लाईओवर
फ्लाईओवर का मुख्य काम यातायात की निर्बाध गति को सुनिश्चित करना है। इसकी अधिकतम लंबाई सात किलोमीटर तक हो सकती है, जो मुख्य रूप से उन सड़कों पर बनाई जाती है जहां यातायात बहुत अधिक होता है। फ्लाईओवर के निर्माण से वाहनों की आवाजाही में तेजी आती है और ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आती है। इससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि ईंधन की खपत भी कम होती है।
ओवरब्रिज
ओवरब्रिज का मुख्य कार्य ट्रेन की निर्बाध गति को सुनिश्चित करना और भारी ट्रैफिक के कारण जाम की समस्या को दूर करना है। यह मुख्य रूप से रेलवे लाइनों के ऊपर या भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में बनाया जाता है। ओवरब्रिज की मदद से यात्री सड़क के एक ओर से दूसरी ओर बिना किसी जोखिम के पहुंच सकते हैं। यह सुरक्षित और यात्रा आसान होगी।
फ्लाईओवर और ओवरब्रिज के बीच का अंतर
जहां फ्लाईओवर वाहनों के लिए बनाया जाता है और मुख्य रूप से ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए उपयोगी होता है, वहीं ओवरब्रिज का प्रमुख उद्देश्य ट्रेनों की निर्बाध यात्रा को सुनिश्चित करना और भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में सुरक्षित पारपथ प्रदान करना है। फ्लाईओवर की लंबाई आम तौर पर ओवरब्रिज से अधिक होती है और इसका उपयोग अधिक व्यस्त मार्गों पर किया जाता है।