home page

जीभ के स्वाद के चक्कर में हर साल 40 लाख कुत्ते बिल्लियों को चट कर जाते है ये लोग, हज़ारों साल पुरानी परंपरा को निभाने के लिए करते है ये काम

भारत सहित दुनिया भर में लोग मांसाहारी हैं। इसे एशिया और यूरोप भर में जाना जाता है। लेकिन एक देश में पालतू कुत् ते और बिल् ली खाने की बहुत पुरानी परंपरा है।
 | 
vbfg
   

भारत सहित दुनिया भर में लोग मांसाहारी हैं। इसे एशिया और यूरोप भर में जाना जाता है। लेकिन एक देश में पालतू कुत् ते और बिल् ली खाने की बहुत पुरानी परंपरा है। यहां प्रति वर्ष चालिस लाख बिल्लियां खाई जाती हैं। कुत्ते के मांस के साथ भोजन करें। इस पर पाबंदी लगाने की मांग पूरी दुनिया से उठती है, लेकिन दिखावे के कुछ उपायों के अलावा कुछ नहीं होता।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

हम चीन से बात कर रहे हैं। चीन के शेन् जेन शहर में कोरोनावायरस महामारी के कारण कुछ महीनों पहले कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ये पहला शहर था जो ऐसा करता था। Human Society International ने बताया कि एशियाई देशों में हर साल 3 करोड़ कुत्तों को मांस के लिए मार डाला जाता है। चीन अकेले हर साल ४० लाख बिल्लियों और एक करोड़ कुत्तों को मार डालता है। इनमें से अधिकांश जानवर चुराकर बेचे जाते हैं। वह बाद में पिंजरों में रखा जाता है और फिर उनका कत्ल होता है।

डॉग मीट महोत्सव भी है

चीन में कुत्तों का मांस खाने की परंपरा हजारों साल पहले से चल रही है, हालांकि उन्हें अक्सर पालतू जानवर के रूप में देखा जाता है। दक्षिणी चीन के यूलिन शहर में हर साल जून में डॉग मीट महोत्सव होता है, जहां जीवित बिल्लियों और कुत्तों को खाने के लिए बेचा जाता है।

यहाँ 10,000 से 15,000 कुत्तों की हत्या होती है। कुत्ते का मांस खाने से गर्मी के महीने में शरीर को गर्मी से राहत मिलती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पशु कल्याण से जुड़ी संस्थाएं इसका विरोध करती रही हैं। इससे कुछ नुकसान हुआ है।

बिजनेस क्लास में सफर करने के लिए सस्ते टिकट का पता लगाओ

दक्षिण कोरिया भी पीछे नहीं है

वहाँ कुत्ते का मांस इतना आम है कि इसे गेगोगी कहते हैं। Human Society ने बताया कि यहां लगभग 17,000 कुत्तों के फार्म हैं, जहां जानवरों को नियमित रूप से मानव उपभोग के लिए पका जाता है। ताइवान में भी कुत् ते और बिल् ली खाना आम था, 

लेकिन पिछले दिनों सरकार ने कुछ नियम लगाए। नए पशु संरक्षण अधिनियम के तहत पशुओं को खाने, खरीदने या बेचने पर 6,500 पाउंड तक का जुर्माना लगाया गया है। पशु क्रूरता में दोषी पाए जाने वालों को 52,000 पाउंड का भारी जुर्माना और दो साल की जेल भी हो सकती है।