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इस नस्ल की बकरियों का मुर्राह नस्ल की भैंस की तरह है रुतबा, अरब देशों मे इस नस्ल की खूब है डिमांड

एनीमल एक्सपर्ट का मत है कि अधिकांश नस्लों के नाम उनके मूल इलाकों के नाम पर होते हैं, चाहे वह गाय हो या भेड़-बकरी हो। आज यूपी में बरबरी नस्ल के बकरे-बकरी एक विशिष्ट पहचान बन चुके हैं। लेकिन ये यूपी से नहीं आते।
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barbari Goat
   

एनीमल एक्सपर्ट का मत है कि अधिकांश नस्लों के नाम उनके मूल इलाकों के नाम पर होते हैं, चाहे वह गाय हो या भेड़-बकरी हो। आज यूपी में बरबरी नस्ल के बकरे-बकरी एक विशिष्ट पहचान बन चुके हैं। लेकिन ये यूपी से नहीं आते। इस नस्ल को सोमालिया के बेरिया क्षेत्र के नाम पर बरबरी कहा जाता है।

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बकरियों की मूर्राह भैंस भी कहते हैं। बरबरी नस्ल के बकरे-बकरी अक्सर दूध-मीट खाते हैं और ज्यादातर एक बार में दो बच्चे देते हैं। मथुरा के एक वैज्ञानिक, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी) से बताया गया है कि अरब देशों में बरबरे बकरों की बहुत मांग है। 

सीआईआरजी के बरबरी विशेषज्ञ एमके सिंह ने बताया कि बरबरी को शहरी बकरी या टाउन गोट भी कहा जाता है। अगर आसपास चराने के लिए जगह नहीं है, तो इसे छत पर पाला जा सकता है या खूंटे पर बांधकर। स्टाल फीड और फार्म में रखने से तीनों नस्ल की बकरी अच्छे दूध देती हैं और बड़े होते हैं। 

बरबरी बकरे की अरब देशों में हैं डिमांड 

बरबरी नस्ल का बकरा वजन में 25 से 40 किलो तक का पाया जाता है। देश के अलावा अरब देशों में बरबरी नस्ल के बकरे की बहुत डिमांड है। बरबरी बकरे को मीट के लिए बहुत पसंद किया जाता है।

डिब्बा बंद मीट के साथ जिंदा बरबरे बकरे भी सऊदी अरब, कतर, यूएई, कुवैत के साथ ही ईरान-इराक में सप्लाई किए जाते हैं। देखने में भी बरबरी नस्ल के बकरे बहुत खूबसूरत होते हैं तो बकरीद के मौके पर लोग कुर्बानी के लिए मुंह मांगे दाम देते हैं। 

ऐसे कर सकते हैं बरबरे बकरे की पहचान

जानकार साइंटिस्ट एमके सिंह ने बताया कि बरबरी नस्ल के बकरे और बकरियों की सबसे बड़ी पहचान रंग और कान हैं। 40 नस्ल के बकरे और बकरी में, नुकीले, छोटे और खड़े कान ऊपर की ओर उठे होते हैं। जब रंग की बात आती है, तो सफेद खाल पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं। नाक चपटी और पीछे का हिस्सा भारी होता है। 

बरबरी नस्ल  के बकरे और बकरियों की खासियत

13 से 14 महीने की उम्र पर बच्चा देने लायक हो जाती है। 
15 महीने में दो बार बच्चे देती है।  
दूसरी बार से 90 फीसद तक दो से तीन बच्चे देती है। 
10 से 15 फीसद तक बरबरी बकरी तीन बच्चे देती है। 
बरबरी बकरी 175 से 200 दिन तक दूध देती है। 
बरबरी बकरी रोजाना औसत एक लीटर तक दूध देती है। 

देश में 20 लाख से ज्यादा हैं बरबरी बकरे 

पशु जनगणना के मुताबिक देश में बरबरी बकरे-बकरी की संख्या 20 लाख से ज्यादा है। बरबरी बकरे की नस्ल को बनाए रखने और इनके कुनबे को और बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार का संस्थान सीआईआरजी, फरह, मथुरा इस पर बहुत काम कर रहा है।

यहां बकरी पालन से संबंधित कई तरह के कोर्स कराए जाते हैं। यहां बरबरी नस्ल की बकरी के बच्चे भी मिलते हैं। जिसका इस्तेमाल ब्रीडिंग सेंटर चलाने के लिए किया जाता है। देश में दूध देने वालीं बरबरी नस्ल की बकरियों की संख्या करीब 15 लाख है। 

देश में 47.49 लाख बरबरे बकरे और बकरी हैं 

यूपी में कुल 38.96 लाख बरबरे बकरे और बकरी हैं। 
मध्य प्रदेश में कुल 5.88 लाख बरबरे बकरे और बकरी हैं। 
कर्नाटक में कुल 73.6 हजार बरबरे बकरे और बकरी हैं। 
हरियाणा में कुल 63.3 हजार बरबरे बकरे और बकरी हैं। 
उत्तराखंड में कुल 43.7 हजार बरबरे बकरे और बकरी हैं।