हरियाणा में यातायात प्रबंधक की डिग्री फर्जी निकली तो मचा बवाल, परिवहन विभाग ने किया सस्पेंड
सिरसा शहर में फर्जी डिग्री के आधार पर एक युवक द्वारा यातायात प्रबंधक के पद पर नौकरी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने गुरुवार को गुरुग्राम निवासी आरोपी कृष्ण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस घटनाक्रम ने शैक्षणिक दस्तावेजों के जांच की प्रक्रिया और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे है।
फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी
सिरसा रोडवेज डिपो के प्रबंधक नवनीत कुमार की शिकायत के आधार पर आरोपी कृष्ण कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि कृष्ण ने शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के रूप में अरनी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश से बीएससी नॉन मेडिकल की डिग्री प्रस्तुत की थी जिसे बाद में फर्जी पाया गया।
जांच प्रक्रिया और खुलासा
विभाग द्वारा कृष्ण कुमार की डिग्री का सत्यापन करवाया गया था जिसमें विश्वविद्यालय ने डिग्री को फर्जी घोषित किया। इस खुलासे के बाद कृष्ण को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में, उच्चाधिकारियों के आदेशों पर दोबारा सत्यापन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय ने फिर से डिग्री को फर्जी बताया।
नौकरी से बर्खास्तगी और एफआईआर
फर्जी डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी पाने के मामले में कृष्ण कुमार के खिलाफ सिविल लाइन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। इस मामले ने शिक्षा और नौकरी की दुनिया में प्रमाणिकता और विश्वसनीयता के महत्व पर बल दिया है।
यह भी पढ़ें; हरियाणा सरकार इस जिले में 2300 एकड़ जमीन ख़रीदने की कर रही है तैयारी, जमीन की कीमतों में आया तगड़ा उछाल
सार्वजनिक क्षेत्र में चयन प्रक्रिया पर प्रश्न
इस घटना ने सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और सत्यापन की प्रक्रिया पर प्रश्न खड़े किए हैं। यह घटना उन सभी संबंधित पक्षों के लिए एक सबक है जो शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालते हैं।