कभी सोचा है की लोमड़ी को क्यों कहा जाता है चालाक जानवर, खासियतें सुनकर तो घूम जायेगा आपका भी दिमाग
हमारी दुनिया में बहुत सारे जीव जंतु रहते हैं लेकिन कुछ धरती पर रहते हैं, तो कुछ इंसानों के पालतू होते हैं इसके अलावा कुछ जानवर ऐसे भी हैं जो की जंगल में भी रहते हैं। अपने बचपन में लोमड़ी के बारे में तो बहुत सुना होगा उनकी कहानी बचपन में मशहूर हुआ करती थी
जो कि आज भी है हमें बचपन से ही यह बताया जाता था कि लोमड़ी बहुत चालान जानवर होता है। इसकी चालाकी को लेकर हमने कई किसी और कहानियां भी सुनी है। लेकिन फिर भी सवाल यह होता है कि क्या सच में लोमड़ी चालाक होती है या फिर किस्से कहानियों की बात है।
प्रोबलम सॉल्विंग जानवर है लोमड़ी
यह तो हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि लोमड़ी एक बहुत ही चालक जानवर है। यह बहुत फुर्तीला होता है और शिकारियों से बचना जानता है। लोमड़ी अपनी कुशलता के कारण शेर जैसे खूंखार जानवर के शिकार से भी अपने लिए भोजन चुरा लेती है।
लोमड़ी की एक खासियत यह है कि इसमें इंसानों की तरह जल्दी सीखने की क्षमता होती है। लोमड़ी आमतौर पर छोटे कीड़ों और पक्षियों का शिकार करती है। लोमड़ी कितनी चालाक होती है कि यह खाने के मामले में गुप्त स्थान पर खाना छुपा कर रखती है। लोमड़ी एक प्रोबलम सॉल्वर जानवर भी है जो चुपचाप घूमती है और किसी भी वातावरण में रह सकती है।
अकेले घूमना पसंद करती है लोमड़ी
आपको बता दें कि, लोमड़ी एक छोटे आकार का जानवर है। इसका वजन 2 किलो से लेकर 15 किलो तक हो सकता है। यह अधिकतम 50 सेमी ऊँचा होता है तथा इसकी अधिकतम लम्बाई 90 सेमी तक होती है। लोमड़ी बहुत फुर्तीली होती है और इसकी दौड़ने की गति 50 किमी/घंटा तक होती है। लोमड़ी रात के समय में अकेले घूमना पसंद करती है और आसपास के वातावरण को जानती है।