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ख़ास काम के लिए ही एरोप्लेन की खिड़कियों में रखा जाता है छेद, एरोप्लेन में सफ़र करने वालों को भी नही होती सही जानकारी

आज के दौर में हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. कुछ साल पहले तक एयर ट्रैफिक कम था. लेकिन अब ज्यादातर लोग हवाई यात्रा ही पसंद करते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कम समय में लंबी दूरी तय कर लेना.
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airplane windows hole
   

आज के दौर में हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. कुछ साल पहले तक एयर ट्रैफिक कम था. लेकिन अब ज्यादातर लोग हवाई यात्रा ही पसंद करते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कम समय में लंबी दूरी तय कर लेना.

ऐसे में यात्रियों को उनकी फ्लाइट के बारे में छोटी से छोटी जानकारी भी होनी चाहिए. आइये आपको बताते हैं फ्लाइट से जुड़ी बेहद रोचक जानकारी. जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे.

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ब्लीड होल क्या होता है

कॉमर्शियल फ्लाइट्स की खिड़कियों में एक छोटा सा छेद होता है. इसपर आपका ध्यान नहीं गया होगा. अगर गया भी होगा तो आपने इसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की होगी. इस छेद को "ब्लीड होल" कहते हैं. आइये आपको बताते हैं इसे "ब्लीड होल" क्यों कहा जाता है और इसका काम क्या है?

दबाव नियंत्रित करने में मदद करता है

यह नाम तो वैसे डराने वाला है. लेकिन यह अच्छे कारणों के लिए फ्लाइट्स की खिड़कियों में बना होता है. विंडो पेन में इस छोटे से छेद को 'ब्लीड होल' कहा जाता है. छेद यह नियंत्रित करने में मदद करता है कि विमान की खिड़कियों पर केबिन के अंदर से कितना दबाव है.

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तीन लेयर पर बने होते हैं खिड़की के शीशे

यह सुनिश्चित करता है कि विमान की खिड़की टूटने वाली है या नहीं. ऐसे में यह यात्रियों की सुरक्षा करते हुए खिड़की के बाहर की लेयर पर असर करता है. जिसकी वजह से खिड़की का बाहरी शीशा पहले टूटता है. अधिकांश कॉमर्शियल खिड़की के शीशे बाहरी, मध्य और भीतरी लेयर पर बने होते हैं. जो आमतौर पर ऐक्रेलिक से बने होते हैं.

यात्री उस छेद पर अपना सिर न रखें

एक्सपर्ट बताते हैं कि बाहरी लेयर केबिन दबाव के सभी तनावों को सहन करता है. इनर लेयर को "बेहद दुर्लभ" घटना में केबिन के दबाव को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसलिए यह अनुशंसा की जाती है कि यात्री उस छोटे बुलबुले जैसे छेद पर अपना सिर न रखें. ऐसा करने से ये छेद जिस काम के लिए बनाया गया है, वो काम नहीं कर पाएगा.

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छोटा सा छेद सुनिश्चित करता है केबिन का दबाव

यह छोटा सा छेद सुनिश्चित करता है कि उड़ान के दौरान केबिन का दबाव केवल बाहरी लेयर पर लागू होता है ... इस प्रकार आपातकालीन स्थितियों के लिए मध्य लेयर को संरक्षित करता है. यदि सभी तीन शीशों को बिना छेद के सील कर दिया जाए, तो केबिन का दबाव अंदर की लेयर पर ज्यादा पड़ेगा.

स्लीप प्रॉप के रूप में खिड़की का उपयोग न करें

ऐसे में आपको हवाई यात्रा करते समय हमेशा ध्यान देना चाहिए कि अपने स्लीप प्रॉप के रूप में खिड़की का उपयोग न करें. तकनीकी रूप से, आपके बगल में बैठे यात्री के कंधे पर सिर रख लेना.. आपके लिए सुरक्षित है. लेकिन ऐसा भी कर के आप दूसरे को दिक्कत देंगे. कहने का मतलब यह है कि आपके सिर के लिए सीट पर जो जगह दी गई है, उसी का इस्तेमाल करें.