फैक्ट्री में साबुदाना बनता हुआ देख लेंगे तो बंद कर देंगे खाना, आंखो से देख लो बनाने का पूरा प्रोसेस
हिंदू पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई थी। यह समय हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के दौरान अधिकांश हिंदू अनुयायी व्रत का पालन करते हैं और इस दौरान विशेष खान-पान की चीजें खाई जाती हैं जिनमें साबूदाना प्रमुख है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल मंगलवार से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई थी। यह समय हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के दौरान अधिकांश हिंदू अनुयायी व्रत का पालन करते हैं और इस दौरान विशेष खान-पान की चीजें खाई जाती हैं जिनमें साबूदाना प्रमुख है।
साबूदाना कैसे बनता है?
साबूदाना तैयार करने की प्रक्रिया काफी दिलचस्प है। यह टेपिओका के पेड़ जिसे कसावा रूट के नाम से भी जाना जाता है की जड़ से बनाया जाता है। पहले इस जड़ को अच्छी तरह से धोया जाता है फिर इसका छिलका उतारा जाता है और बाद में इसे पीस लिया जाता है। पिसी हुई जड़ से स्टार्च अलग करके इसे कई दिनों तक बड़े बर्तनों में स्टोर किया जाता है और फिर इसे सुखाकर गोल दानों में बदल दिया जाता है।
साबूदाना खाने के फायदे
साबूदाना में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी और कैल्शियम इसे व्रत के दौरान एक उत्तम आहार बनाते हैं। यह हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ शरीर को ऊर्जा भी देता है। साबूदाना का उपयोग विभिन्न प्रकार की रेसिपीज जैसे हलवा, खिचड़ी और चाट में किया जाता है, जो न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पोषण से भरपूर भी होते हैं।