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1969 में स्कूल में पढ़ने वाली लड़की ने भविष्य को लेकर लिखा था निबंध, लड़की की लिखी हुई ये बातें हो गई है सच

लगभग 55 साल पहले एक 11 वर्षीय स्कूली छात्रा ने जो निबंध लिखा था वह आज के समय में चर्चा का विषय बन गया है। इस निबंध में उसने कई ऐसी बातें लिखी थीं जो वर्तमान में सच साबित हुई हैं।
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School girls 1969 essay on future
   

लगभग 55 साल पहले एक 11 वर्षीय स्कूली छात्रा ने जो निबंध लिखा था वह आज के समय में चर्चा का विषय बन गया है। इस निबंध में उसने कई ऐसी बातें लिखी थीं जो वर्तमान में सच साबित हुई हैं। इस निबंध की खोज इंग्लैंड के निवासी पीटर बेकर्टन ने की थी जो अपने एक क्लाइंट के पुराने सोफे को फर्निश करते समय मिला।

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बच्चों की कल्पनाशीलता और दृष्टिकोण को कम नहीं आंका जाना चाहिए। एक बच्चे के विचार भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकते हैं और उन्हें सही दिशा दी जाए तो वे नवाचार की नई संभावनाएँ खोल सकते हैं।

इस तरह के अनुभव हमें यह भी याद दिलाते हैं कि तकनीकी विकास किस तरह से हमारी जीवन शैली को प्रभावित करता है और भविष्य की सोच को आकार देता है।

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वीडियो कॉलिंग और चुइंग गम की अद्भुत भविष्यवाणी

निबंध में उस लड़की ने वीडियो कॉलिंग के विकास की भविष्यवाणी की थी जो कि कोरोना वायरस महामारी के बाद आम जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। उसने यह भी बताया था कि भविष्य में लोग ऐसी चुइंग गम का उपयोग करेंगे जिसमें पोषक तत्व होंगे और आज ऐसी चुइंग गम कुछ जगहों पर मिलती भी है।


पुरानी सोच और नई तकनीकी दृष्टि

यह निबंध 23 फरवरी 1969 को लिखा गया था और उसमें लड़की ने कल्पना की थी कि टेलीफोन जो उस समय एक चौकोर बॉक्स जैसा होता था में एक स्क्रीन होगी जिससे वह उन लोगों को देख सकेगी जिनसे वह बात कर रही है। यह कल्पना आज की वीडियो कॉलिंग तकनीक का स्पष्ट चित्रण है।

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एक दिलचस्प खोज और उसके प्रभाव

पीटर बेकर्टन और उनकी पत्नी रोजा ने इस निबंध को जनता के साथ साझा करने का निर्णय लिया। रोजा के अनुसार जब उनके पति ने उन्हें इस निबंध के बारे में बताया तो वे बहुत अचंभित हुईं। उन्होंने सोचा कि यह निबंध अगर उस लड़की तक पहुंच जाए जिसने इसे लिखा था तो वह बहुत प्रसन्न होगी कि उसकी बचपन की कल्पनाएँ सच हो गई हैं।