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भारत में इस जगह केवल 30 रुपए प्रति किलो खरीद सकते है काजू-बादाम, यहां से सस्ते में खरीदकर मोटा मुनाफा कमाते है लोग

भारतीय सर्दियां और ड्राइ फ्रूट्स का अद्भुत संगम हमेशा से ही लोगों को लुभाता रहा है। सर्दियों का मौसम आते ही ड्राइ फ्रूट्स की मांग में अचानक से वृद्धि हो जाती है।
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भारतीय सर्दियां और ड्राइ फ्रूट्स का अद्भुत संगम हमेशा से ही लोगों को लुभाता रहा है। सर्दियों का मौसम आते ही ड्राइ फ्रूट्स की मांग में अचानक से वृद्धि हो जाती है। इनमें सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले काजू और बादाम हैं। लेकिन भारत में इनकी खेती कम होने की वजह से इनकी कीमतें आसमान छूती हैं, जिससे आम आदमी इन्हें आसानी से खरीद नहीं पाता।

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जामताड़ा ड्राइ फ्रूट्स का सस्ता बाज़ार

लेकिन आज हम आपको भारत के एक ऐसे अनोखे कोने की सैर करवाने जा रहे हैं, जहां आपको 1000 रुपये प्रति किलो बिकने वाला काजू मात्र 30 से 50 रुपये में मिल जाएगा। जी हाँ आपने सही सुना! यह जगह और कोई नहीं बल्कि झारखण्ड का जामताड़ा जिला है, जो कि अपनी काजू की खेती के लिए प्रसिद्ध है।

काजू की खेती और इसका असर

जामताड़ा जिले के नाला गांव में काजू की खेती विशाल पैमाने पर होती है। यहां पर 50 एकड़ से भी अधिक भूमि पर काजू की खेती की जा रही है। 2010 में किए गए अध्ययन में इस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को काजू की खेती के लिए उपयुक्त पाया गया था। इस कारण यहाँ के किसान इसे बहुत ही कम कीमतों पर बेचते हैं।

कैसे मिली खेती को पहचान

जब जामताड़ा में आइएएस कुपानंग झा डिप्टी कमिश्नर थे तब उन्होंने पहली बार नाला की जलवायु की परिस्थितियों को काजू की खेती के लिए उपयुक्त पाया। उन्होंने इस विषय पर अन्य कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा की और क्षेत्र के किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया। इसके बाद नाला गांव काजू की खेती के लिए एक पहचानी जाने लगी।

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कम कीमत का कारण

आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतनी कम कीमत कैसे संभव है? दरअसल जामताड़ा एक विकसित शहर नहीं है और यहाँ के किसानों के पास सीधे बाजार तक पहुंचने के साधन नहीं हैं। इस कारण वे अपने उत्पादन को स्थानीय बाजारों में बहुत ही कम कीमतों पर बेच देते हैं।