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लॉकडाउन के मुश्किल वक्त में 13 बेज़ुबानों के लिए भगवान साबित हुई ये महिला, खुद एक टाइम खाना खाकर किया गुज़ारा पर बेज़ुबानों को नही रखा भूखा

लॉकडाउन में लोगों ने बहुत से समझौते किए। पर एक चीज से कभी समझौता नहीं होता… वो होता है प्यार। इसमें समझौते की गुंजाइश ही नहीं है। लॉकडाउन में लोग भूखे रहे, नौकरियां गई, कई-कई किलोमीटर पैदल चले ताकि घर पहुंच जाए।
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लॉकडाउन में लोगों ने बहुत से समझौते किए। पर एक चीज से कभी समझौता नहीं होता… वो होता है प्यार। इसमें समझौते की गुंजाइश ही नहीं है। लॉकडाउन में लोग भूखे रहे, नौकरियां गई, कई-कई किलोमीटर पैदल चले ताकि घर पहुंच जाए। इसी बीच एक प्यार भरी कहानी सामने आई… चेन्नई की रहने वाली मीना की। लॉकडाउन में उन्होंने खुद एक टाइम खाना खाया। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि वो अपने 13 कुत्तों को खाना खिला पाएं। उनके डॉगी भूखे ना रहें इसलिए उन्होंने खुद एक टाइम खाना खाया।

लोगों के घरों में बनाती हैं खाना

हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, वो लोगों के घरों में खाना बनाकर अपना जीवन चलाती हैं। कुत्तों से उनको काफी लगाव है। उन्हें वो अपने परिवार की तरह ही रखती हैं। मीना जी ने अपना पूरा जीवन इन कुत्तों का ध्यान रखने में लगा दिया। लॉकडाउन के दौरान उनके पास खाने की दिक्कत हो गई। काम उनका ठप्प हो गया। पर उन्होंने अपने कुत्तों का ध्यान रखा। उन्होंने फैसला किया कि वह खुद दिन में एक बार खाएगी, लेकिन कुत्तों को भूखा नहीं रखेंगी।

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कुछ लोगों ने मदद भी की

मीना ने बताया कि उनके कुछेक मालिकों ने लॉकडाउन के दौर में उन्हें एडवांस सैलरी भी दी। वो बताती हैं, ‘वो जानते थे कि मेरी फैमिली में 13 कुत्ते हैं और वो मेरे काफी करीब हैं।’ उनकी ये आदत है कि वो गली के ढेर सारे कुत्तों को खाना खिलाती हैं। गली के कुत्ते उनके घर आते हैं पर उनके 13 कुत्ते उन्हें आने नहीं देते। वो जल्द ही इसका हल भी निकालना चाहती हैं। सच में मीना जी जैसे लोगों के कारण इंसानियत अभी तक जिंदा है। जो खुद दुख सह रहे हैं, लेकिन बेजुबानों को कोई कमी नहीं होने दे रहे।