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मुगल हरम में रानियों के सामने ही नौकरानियों के साथ होते थे ग़ंदे काम, जिसके बारे में जानकर कांपने लगेगी आपकी टांगे

हिन्दुस्तान कई सम्राटों के अधीन रहा है। 1526 से 1707 तक मुगल राज था। इसे बाबर ने बनाया था,
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हिन्दुस्तान कई सम्राटों के अधीन रहा है। 1526 से 1707 तक मुगल राज था। इसे बाबर ने बनाया था, जो पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराया था। Мусलमी साम्राज्य का उद्देश्य अपनी शक्ति को बढ़ाना था,और इन प्रसिद्ध सम्राटों, जैसे हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब, को उनके नाम से जाना जाता है। बाबर के शासनकाल में कई मकबरे बनाए गए और नई नीतियों और पुरानी व्यवस्थाओं को खत्म किया गया।

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मुगल काल में हरम क्या है?

हराम में एक पुरुष की एक से अधिक महिलाएं रहती हैं। दूसरे पुरुषों को इस स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है। यह एक प्रथा है जो मध्य पूर्व से शुरू हुई और पश्चिमी सभ्यता में ओटोमन साम्राज्य से जोड़कर देखा जाता है।

इतिहास के अनुसार मुगल हरम कैसा था?

केवल सम्राट ही उसके कमरे में प्रवेश कर सकता था।

क्या था मुगल हरम? जहां काम करने के लिए नियुक्त किए जाते थे किन्नर

हिंदुस्तान में सैकड़ों वर्षों तक कई राजाओं या बादशाहों ने राज किया है। लेकिन इस दौरान कई वंशज रहे हैं, जिनकी हुकूमत आज भी है, जैसे मुगल साम्राज्य। मुगल साम्राज्य का शासनकाल बहुत लंबा था, इसलिए इसके बारे में विस्तार से बात करना मुश्किल है। 

लेकिन कहा जाता है कि हिंदुस्तान पर मुगलों का शासन लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा है, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी।इसके बाद कई बहादुर बादशाहों ने मुगल साम्राज्य का शासन बढ़ाने का काम किया था जैसे- हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब प्रमुख बादशाह हैं। 

कहा जाता है कि इन्होंने अपने शासन के दौरान न सिर्फ समाज का निर्माण किया बल्कि भारत को नया आयाम देने का भी काम किया है। इसलिए कई लोग मुगल शासन और मुगल शासन से जुड़ी चीजों को जानने में रुचि रखते हैं खासतौर पर मुगल हरम। इसलिए आज हम आपको मुगल हरम और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

मुगल काल में जिस कमरे में खास महिलाएं या फिर बेगम रहा करती थीं, उसे हरम कहा जाता था। यानि आसान शब्दों में महल में शाही महिलाओं के लिए रहने की अलग से व्यवस्था या फिर कमरों को हरम के नाम से जाना जाता था। बता दें कि अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है एक छुपा हुआ कमरा जहां पुरूषों के आने की इजाजत नहीं थी। 

कैसे शुरू हुई हरम बनवाने की परंपरा

Абबुल फजल की किताब के अनुसार, मुगल साम्राज्य के हर बादशाह ने अपने महल में हरम बनाया था। इसकी शुरुआत बादशाह बाबर ने की थी, लेकिन वास्तव में बादशाह अकबर ने की थी। जहांगीर के शासनकाल में हरम बनवाने की परंपरा का उत्कर्ष हुआ, लेकिन औरंगजेब के शासनकाल में मुगल हरम की परंपरा समाप्त हो गई।  

कहा जाता है कि शाही महिलाएं हरम बनाती थीं। यही कारण था कि हरम में बाहर से किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। क्योंकि महिलाएं पर्दे में भी काम करती थीं और उनकी सुरक्षा भी महत्वपूर्ण थी 

किन्नरों की होती थी नियुक्ति 

हम आपको बता चुके हैं कि हरम के अंदर किसी पुरुष को जाने की अनुमति नहीं थीं। इसलिए हरम की रखवाली करने के लिए किन्नरों की नियुक्ति की जाती थी। क्योंकि किन्नर न सिर्फ शाही महिलाओं की देखरेख करते थे बल्कि सारा काम भी देखते थे। 

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