इस जगह गेंहु और चावल की नही बल्कि सांपो की खेती करते है लोग, अनोखी खेती से लाखों में करते है कमाई
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां अनाज, फल, और सब्जियों की खेती प्रमुख है। हालांकि कृषि के अन्य रूप जैसे मछलीपालन और पोल्ट्री फार्मिंग भी यहाँ प्रचलित हैं। लेकिन जब बात आती है सांपों की खेती की तो यह विचार भारत में नया लग सकता है। वहीं चीन में सांपों की खेती एक स्थापित और लाभकारी उद्योग है जिसे हम आज इस आर्टिकल में सांपों की खेती के बारे में बताएंगे।
चीन का जिसिकियाओ
चीन के जिसिकियाओ गांव को 'स्नेक विलेज' के नाम से जाना जाता है जहां के निवासी सांपों की खेती कर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। इस गांव में हर व्यक्ति औसतन 30,000 सांपों का पालन करता है जो सालाना करोड़ों की संख्या में सांपों की खेती में कमाई हो सकती है। इस अद्वितीय व्यवसाय ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है बल्कि उनकी पहचान को भी विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है।
सांप की खेती का महत्व
जिसिकियाओ के लोग सांपों के मांस, जहर और अन्य शरीरिक अंगों को बेचकर अपनी आय का मुख्य स्रोत बनाते हैं। सांप का जहर इतना महंगा होता है कि उसकी कीमत सोने से भी ज्यादा हो सकती है। एक लीटर सांप के जहर की कीमत तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इसके अलावा सांप के मांस और अन्य अंगों का उपयोग खाद्य पदार्थों और दवाइयों के निर्माण में किया जाता है।
सांपों के साथ जीवन
गांव के बच्चे खिलौनों के बजाय सांपों के साथ खेलते हुए बड़े होते हैं जो इस बात का प्रतीक है कि यहाँ के लोग सांपों से नहीं डरते। उनका यह निडर भाव उनके व्यवसाय से जुड़ा हुआ है जो उनके जीवनयापन का माध्यम बनता है। सांपों को पालने की प्रक्रिया में उन्हें शीशे और लकड़ी के बक्सों में रखा जाता है और उनकी खाल और मांस का उपयोग विभिन्न उत्पादों के लिए किया जाता है।