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भारत के इस गांव में लगता है दूल्हों का बाजार, लड़कीवाले बोली लगाकर पसंद करते है लड़का

आपने सुना होगा कि बाजार कई तरह के उत्पादों का घर है, जैसे घड़ियां, पंखे, मोबाइल उपकरण, एलईडी, सुई और यहां तक ​​कि हवाई जहाज। आमतौर पर लोग बाजार में अपनी जेब के अनुसार चीजें खरीदते हैं।
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Bihar groom market (1)
   

आपने सुना होगा कि बाजार कई तरह के उत्पादों का घर है, जैसे घड़ियां, पंखे, मोबाइल उपकरण, एलईडी, सुई और यहां तक ​​कि हवाई जहाज। आमतौर पर लोग बाजार में अपनी जेब के अनुसार चीजें खरीदते हैं।

क्या आपने दूल्हा संवारने के बाजार के बारे में सुना है? आज हम आपको एक ऐसे भारतीय बाजार के बारे में बताएंगे जहां दूल्हों के लिए बाजार सजाया जाता है।

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सैंकड़ों दूल्हे होते है शामिल

पहले तो दिमाग़ घूम देने वाली बात ये है कि दूल्हों का बाजार लगता है। उससे भी बड़ी चौंका देने वाली बात कि बिहार में लगने वाले इस बाजार में तक़रीबन 100 के आसपास दूल्हे शामिल हैं। इस मार्केट को लोकल भाषा में सौराठ भी बोला जाता है।

इस बारे में यह कहा जाता है कि यह दुनिया में सबसे पुरानी वैवाहिक परंपरा है। इस बाजार में कई जातियों के लोग शामिल होते हैं और अपने मैच का दूल्हा ढूंढने की उम्मीदें लेकर आती है। 

सभा में होती है शादी

इस बाजार में दूल्हा पसंद करने के बाद उसकी सभा में शादी भी करवाई जाती है। इसमें दूल्हे के काम या व्यवसाय को देखकर ही दूल्हे को दहेज दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि काफ़ी पहले लोगों को सभा में बसों द्वारा लाया जाता था।

फिर, ये बाज़ार मीडिया की सुर्ख़ियों मे छा गया और मीडिया में बातें चलने लगी की भारत में ऐसा भी बाज़ार है जहां पुरुषों की ख़रीद बेच मवेशियों की तरह की जाती है। 

लड़की वाले चुनते है दूल्हा

लड़की के परिवार वाले इस बाजार में जाते हैं और उचित दूल्हे को चुनते है। मज़ेदार बात एक ये भी है की इसमें दुल्हन की कोई भी बात या पसंद नही पूछी जाती।

कहा जाता है कि दूल्हों के इस तरह बाजार लगने की परंपरा तक़रीबन 700 साल पुरानी है, जो लगातार चली आ रही है। बिहार में इस परंपरा को वहाँ के लोग बहुत मानते है.