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Indian Railway: भारत में इस जगह चलती है सबसे छोटे रूट की ट्रेन, 8 मिनट के सफर का किराया सुनकर आपकी भी निकल जायेगी चीख

भारत में रहने वाले लोगों ने भारतीय रेल का सफर नहीं किया तो भारत को पूरी तरह से नहीं देखा जाएगा। हमारे देश का आधार भारतीय रेलवे है। यहां हर दिन लाखों लोग आते हैं। इसलिए कई रेलवे रूट बनाए गए हैं।
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Shortest railway route in India
   

भारत में रहने वाले लोगों ने भारतीय रेल का सफर नहीं किया तो भारत को पूरी तरह से नहीं देखा जाएगा। हमारे देश का आधार भारतीय रेलवे है। यहां हर दिन लाखों लोग आते हैं। इसलिए कई रेलवे रूट बनाए गए हैं। भारत में एक रेलवे रूट है जो सिर्फ 3 किलोमीटर लंबा है।

जबकि डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक जाने वाली ट्रेन का रूट सबसे लंबा है। इस क्षेत्र में भी ट्रेनें चलती हैं। यद्यपि दोनों स्टेशनों तक जाने के लिए टिकट का मूल्य इतना अधिक होगा जितना कि 300-400 किलोमीटर की दूरी पर चलने वाले ट्रेन रूट का होगा।

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हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के अजनी और नागपुर रेलवे स्टेशनों के बीच चलने वाली ट्रेनों की। आपको हैरान होगा कि ये सिर्फ 3 किलोमीटर का रास्ता है और 8 से 9 मिनट का समय लगता है।

इसे सबसे छोटा रेलमार्ग कहा जाता है। अगर कोई ई-रिक्शा से इस छोटी सी दूरी पर जाए तो 50 से 60 रुपये से अधिक नहीं देगा। इस रेलमार्ग पर चलने वाली ट्रेनों का किराया बहुत अधिक है।

लंबी ट्रेनों का किराया

तुलना में सहूलियत देने के लिए पहले दो स्टेशनों के बीच की लागत का आकलन करें। दिल्ली से उत्तर प्रदेश के कानपुर तक 500 किलोमीटर की यात्रा के लिए आपको एसी-3 के किराये के रूप में लगभग 750 रुपये देने पड़ेंगे। वहीं स्लीपर क्लास यात्रा पर 260 से 400 रुपये खर्च हो सकते हैं।

क्या किराया इतना महंगा है

नागपुर से अजनी रेलवे स्टेशन की यात्रा करने के लिए आपको एसी-3 के उतने ही रुपये, यानी 760 से 800 रुपये लगेंगे। फिर से बता दें कि इस मार्ग की दूरी सिर्फ तीन किलोमीटर है। वहाँ स्लीपर से जाने के लिए 175 से 200 रुपये खर्च होंगे।

जनरल कोच 60 रुपये तक है। रेलवे 3 किलोमीटर के लिए AC टिकट क्यों बेचता है? कौन अंततः सिर्फ आठ मिनट के लिए 700 रुपये देगा? अब जब हमने आपको सबसे छोटे रेलवे मार्ग बताया है, तो सबसे लंबे को भी बताते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की Vivek Express चार दिन में 4152 किलोमीटर का सफर पूरा करती है। ट्रेन डिब्रुगढ़ से शाम के 7 बजे लगभग चलती है और चौथे दिन रात में कन्याकुमारी पहुंचती है।