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Indian Railway: अगर चलती हुई ट्रेन से फोन गिर जाए तो तुरंत कर ले ये काम, रेल्वे ढूंढकर देगा आपका फोन

भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया में चौथे नंबर पर है। लोग लंबी दूरी के लिए ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं। ऐसे में ट्रेन में समय बिताने के लिए लोग अक्सर अपने मोबाइल को इस्तेमाल करते हैं।
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भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया में चौथे नंबर पर है। लोग लंबी दूरी के लिए ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं। ऐसे में ट्रेन में समय बिताने के लिए लोग अक्सर अपने मोबाइल को इस्तेमाल करते हैं। अगर आपका फोन चलती ट्रेन में से नीचे गिर जाए तो आप क्या करेंगे?

अमूमन लोग ऐसी स्थिति में या तो चुपचाप बैठ जाएंगे या फिर ट्रेन की इमरजेंसी ब्रेक (अलार्म चेन) खींचने की सोचेंगे। आपको बता दें कि इनमें से कोई भी तरीका ठीक नहीं है। आज हम आपको ट्रेन से गिरे फोन को वापस लाने का तरीका बताने जा रहे हैं।

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ऐसे ले सकते हैं मोबाइल वापस

ट्रेन में सफर करने के दौरान अगर आपका मोबाइल अचानक से नीचे गिर जाए तो सबसे पहले आपको रेलवे ट्रैक के किनारे लगे हुए पोल पर लिखा हुआ नंबर या साइड ट्रैक का नंबर नोट कर लेना चाहिए। फिर तुरंत ही किसी अन्य यात्री के फोन की मदद से आरपीएफ और 182 नंबर पर सूचना देनी चाहिए।

इस दौरान आपको उन्हें ये बताना चाहिए कि आपका फोन किस पोल या ट्रैक नंबर के पास गिरा है। ये जानकारी देने के बाद रेलवे पुलिस को आपका फोन खोजने में आसानी होगी।

आपका फोन मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि पुलिस तुरंत उसी जगह पर पहुंच जाएगी। इसके बाद आप रेलवे पुलिस से संपर्क कर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपना मोबाइल प्राप्त कर सकते हैं।

इन नंबरों से भी मांग सकते हैं हेल्प

रेलवे प्रोटक्शन फोर्स यानी R.P.F का ऑल इंडिया सिक्योरिटी का हेल्पलाइन नम्बर है 182 इसे आप किसी भी वक्त डायल करके मदद मांग सकते हैं । ऐसे ही G.R.P का हेल्पलाइन नंबर है 1512 इसे भी डायल करके सिक्योरिटी की मांग की जा सकती है।

रेल पैसेंजर हेल्प लाइन नंबर 138 है, रेल यात्रा के दौरान किसी भी परेशानी की हालत में इस नंबर पर डायल करके भी मदद मांगी जा सकती हैं।

Chain Pulling करने की जरूरत नहीं

लोग चलती ट्रेन में से मोबाइल गिर जाने पर जल्दबाजी में चेन पुलिंग कर देते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको सजा मिल सकती है। इंडियन रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री बिना किसी जरूरी वजह के चेन का इस्तेमाल करता है।

तो रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन यात्रियों और रेलवे स्टाफ के काम में बाधा डालने के चलते दोषी को 1 साल की सजा या 1000 रुपये तक का जुर्माना या फिर सजा या जुर्माना दोनों ही कर सकता है। किसी भी हालत में यह सजा पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपये के जुर्माने से दूसरी बार या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने पर 3 महीने की कैद से कम नहीं हो सकती।

लेकिन अब कोर्ट 10000 रुपये तक का जुर्माना लगा रही है। ऐसे भी कई सारे मामले हैं, जिसमें कोर्ट ने 6000 रुपये से लेकर 10000 रुपये तक का जुर्माना लगाया है।