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भारत का सबसे अनोखा मंदिर जो खुलता है रक्षाबंधन के दिन, मंदिर तक पहुंचने का रास्ता है काफी मुश्किल

भारत मंदिरों का देश है, यहां लाखों की संख्‍या में मंदिर है। इनमें से कई मंदिर विश्‍वविख्‍यात हैं। ये मंदिर रहस्‍यमयी हैं, बेहद खूबसूरत, अलौकिक और चमत्‍कारिक भी हैं।
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Banshi Narayan Mandir Uttarakhand
   

भारत मंदिरों का देश है, यहां लाखों की संख्‍या में मंदिर है। इनमें से कई मंदिर विश्‍वविख्‍यात हैं। ये मंदिर रहस्‍यमयी हैं, बेहद खूबसूरत, अलौकिक और चमत्‍कारिक भी हैं। कुछ मंदिर दुर्गम जगहों पर हैं, जहां पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मंदिर उत्‍तराखंड के चामोली जिले में है।

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इस बंशी नारायण मंदिर की खासियत है कि यह मंदिर पूरे साल बंद रहता है और सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है। यह मंदिर बेहद अनोखा है, साथ ही मान्‍यता है कि वामन अवतार से मुक्‍त होने के बाद भगवान विष्‍णु पहली बार यहीं प्रकट हुए थे। 

दुर्गम घाटी पर मौजूद है यह अनोखा मंदिर

उत्‍तराखंड के चामोली जिले की दुर्गम घाटी पर मौजूद इस मंदिर को बंशीनारायण या वंशीनारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं है। इसके लिए करीब 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

इसलिए कई लोग यहां ट्रैकिंग करते हुए पहुंचते हैं। यह मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। बंसी नारायण मंदिर में भगवान विष्‍णु और भगवान शिव के अलावा भगवान गणेश और वन देवी की मूर्तियां भी मौजूद हैं। 

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सिर्फ रक्षाबंधन पर ही खोले जाते हैं कपाट 

कहते हैं कि इस मंदिर के कपाट पूरे साल बंद रहते हैं और केवल एक दिन यानी रक्षाबंधन के दिन ही खोले जाते हैं। स्‍थानीय निवासी रक्षाबंधन के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। बहनें अपने भाईयों को राखी बांधने से पहले यहां भगवान की पूजा करती हैं।

इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा है कि भगवान विष्णु अपने वामन अवतार से मुक्त होने के बाद सबसे पहले यहीं प्रकट हुए थे। इस मंदिर के पास एक भालू गुफा भी है, जहां भक्त प्रसाद बनाते हैं। रक्षाबंधन के दिन इस इलाके के हर घर से मक्खन आता है और इसे प्रसाद में मिलाकर भगवान को चढ़ाया जाता है।