जाने रसोई गैस वाली एजेन्सी शुरू करने में कितना आता है खर्चा, एक गैस सिलेंडर की बिक्री पर कितनी होती है कमाई
देश में काफी बदलाव देखा जा रहा है। लोग विकसित हो रहे हैं। सरकार इसमें अहम भूमिका निभा रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उज्ज्वला योजना है। इस योजना के बाद महिलाओं को चूल्हे पर खाना बनाने से मुक्ति मिली और अब सभी महिलाएं गैस सिलेंडर पर खाना बनाती हैं।
इसके बाद गैस सिलेंडर की खपत में भी इजाफा देखा गया है। ऐसे में अगर आप गैस एजेंसी खोलकर लाखों रुपए कमाना चाहते हैं तो आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। लेकिन गैस एजेंसी खोलने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। आज हम आपको गैस एजेंसी खोलने से जुड़ी प्रक्रिया बताएंगे। तो आइए जानते हैं विस्तार से।
इन शर्तों को पूरा करने पर मिलेगा लाइसेंस
अप्लाई करने के लिए इन शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। आवेदक भारतीय होना चाहिए और उम्र 21 से 60 के बीच होनी चाहिए। वहीं, आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना चाहिए। गैस एजेंसी के लिए आवेदन करने के लिए 10 हजार रुपए तक का शुल्क देना होगा, जो नॉन-रिफंडेबल होगा।
इसके अलावा अगर खर्च की बात करें तो एजेंसी खोलने के लिए आपके पास कम से कम 15 लाख रुपए होने चाहिए। यह पैसा एलपीजी सिलेंडर स्टोर करने के लिए गोदामों और एजेंसी के दफ्तरों के निर्माण पर खर्च किया जाता है।
इस प्रकार करें आवेदन
भारत गैस, इंडेन गैस और एचपी गैस तीन सरकारी कंपनियां हैं जो डिस्ट्रीब्यूटरशिप मुहैया कराती हैं। आवेदन करने के लिए सबसे पहले https://www.lpgvitarakchayan.in/ पर जाकर खुद को रजिस्टर करें। अपनी जानकारी प्रदान करके एक प्रोफ़ाइल बनाएं।
इसके बाद अप्लाई करें। एचपी की वेबसाइट के मुताबिक आवेदन के बाद आवेदक का इंटरव्यू लिया जाता है और सभी मापदंडों के मुताबिक नंबर दिए जाते हैं। कुछ समय बाद रिजल्ट जारी कर दिया जाता है।
सत्यापन चुनाव के बाद होता है
अगर उसमें आपका नंबर आता है तो आपके द्वारा दी गई जानकारी, दस्तावेज और क्रेडेंशियल्स का फील्ड वेरिफिकेशन किया जाता है। चयनित आवेदकों को विवरणिका में उल्लिखित दस्तावेजों को जमा करना होगा और क्रेडेंशियल्स के फील्ड सत्यापन से पहले जमा राशि का 10% भुगतान करना होगा।
जांच व जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक को आशय पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद आवेदक को जिस कंपनी की एजेंसी लेनी है, उसके लिए सिक्योरिटी जमा करानी होगी। सुरक्षा की मात्रा श्रेणी के अनुसार भिन्न होती है। इसके बाद आपके नाम पर गैस एजेंसी आवंटित कर दी जाती है।