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अपनी नीतियों के माध्यम से आचार्य चाणक्‍य ने मनुष्य के जीवन से जुड़े व्‍यवहारिक  ज्ञान को समझाने का प्रयास किया है.
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अपनी नीतियों के माध्यम से आचार्य चाणक्‍य ने मनुष्य के जीवन से जुड़े व्‍यवहारिक  ज्ञान को समझाने का प्रयास किया है. उनके द्वारा दिया गया ज्ञान आज भी उतने ही महत्वपूर्ण और उपयोगी है जितना कि उस समय था. यही क्रम में आज हम आपको आचार्य चाणक्य की उस नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जो कहती है कि पुरुषों को अपनी पत्नी को चार बातें नहीं बतानी चाहिए...

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आचार्ण चाणक्‍य के अनुसार, किसी पति को अपनी पत्नी को कभी भी पैसे के बारे में नहीं बताना चाहिए. उनका विचार था कि अगर महिलाओं को अपने पति की आय का पता चलता है तो वे उन्हें उसे खर्च करने से रोक देंगे. वह अक्सर उन्हें आवश्यक धन खर्च करने से रोकती है.

पति को अपनी कमजोरियों को कभी नहीं बताना चाहिए. आचार्य चाणक्य का विचार था कि यदि पत्नी को अपने पति की किसी कमी का पता चलता है तो वह उसे बार-बार बताती है और अपनी हर इच्छा को मान लेती है. पति को अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को पत्नी से कभी नहीं बताना चाहिए.

पुरुषों को इस बात का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए कि यदि किसी ने आपका अपमान किया है, तो इस समय भूलकर भी अपनी पत्नी को बताना नहीं चाहिए. महिलाओं को माना जाता है कि जब वे अपने पति से कहासुनी करते हैं या कोई और बुरा समय आता है, वे अपमान की याद दिलाकर भलाबुरा बोल सकती हैं.

शास्‍त्रों ने कहा कि दान करते समय इतना गुप्त होना चाहिए कि दाएं हाथ से करते समय बाएं हाथ को नहीं पता होना चाहिए. यही कारण है कि दान या आर्थिक सहायता करते समय अपनी पत्नी को नहीं बताना चाहिए. वह आपको ऐसा करने से रोक सकती है.