मिलिए भारत की इस दादी मां से जो 62 साल की उम्र में दूध बेचकर करती है करोड़ों में कमाई, अनपढ़ होने के बावजूद भी इस फ़ील्ड में खूब है नाम
गांव से शहर की ओर जाने वाली सड़क ये बताती है कि वहां से रोजगार के साधन खुलते हैं। लेकिन शहर से गांव की ओर जाने वाली ये बताती है कि हमारी जड़ें यहां गांव में आकर जुड़ती हैं। आज भी अगर भारत को देखना है तो उसके गांवों में इतने किस्से मिलेंगे कि सोचकर आपको हैरत होगी कि ये क्या खजाना छुपा पड़ा है जिसे हम पहचान नहीं पाए।
जिससे हम सीख नहीं पाए। ऐसी प्रेरणा से भरी कहानियां हैं जो आपको कुछ कर गुजरने पर मजबूर कर देंगी। आज आपको एक ऐसी महिला की सच्ची कहानी बताने जा रहे हैं, जो 62 वर्ष की हैं और 1 करोड़ से ज्यादा का दूध बेच चुकी हैं।
ये भी पढिए :- नौकरी से मिलने वाली सैलरी से Mahindra Scorpio ख़रीदने का सोच रहे है, तो यहाँ समझे पूरा गणित
गुजरात की रहने वाली हैं नवलबेन
इनका नाम नवलबेन है। वो गुजरात के बनासकंठा जिले की रहने वाली हैं। वो दूध का व्यवसाय करती हैं। ये काम वो अकेले करती हैं। पता है साल 2020 में उन्होंने 1 करोड़ 10 लाख रुपये का दूध बेचा है। वो कभी स्कूल नहीं गई। पढ़ाई भी नहीं की उन्होंने। लेकिन इस बिजनेस में वो पूरी तरह से निपुण हैं।
80 भैसें हैं उनके पास
आज नवलबेन के पास 80 भैंसें हैं और 45 गाय हैं। रोज उन्हें इनसे 1000 लीटर दूध मिलता है। इंडिया टाइम्स के मुताबिक, वो दूध बेचकर हर महीने 3 लाख 50 हजार रुपये का मुनाफा कमाती हैं। उनकी खुद की डेयरी है गांव में, जहां 11 लोग नौकरी कर रहे हैं।
ये भी पढिए :- नौकरी से मिलने वाली सैलरी से Mahindra Scorpio ख़रीदने का सोच रहे है, तो यहाँ समझे पूरा गणित
सबसे ज्यादा कमाई
आर एस सोढ़ी जोकि अमूल डेयरी के सीईओ हैं। उन्होंने साल 2020 में एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने 10 Millionaire Rural Women Entrepreneurs की तस्वीर शेयर की थी।
इसमें शामिल दस महिलाओं में सबसे ज्यादा कमाई और सबसे ज्यादा दूध उन्हें नवलबेन ने ही दिया था। उन्होंने 87,95,900.67 कमाई की और उन्होंने 221595.6 किलोग्राम दूध उन्हें सेल किया।
मिल चुके हैं पुरस्कार
बीते 2 सालों में नवलबेन को 2 लक्ष्मी अवॉर्ड और 3 बेस्ट पशुपालक के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। उनको देख-देखकर आस-पड़ोस के इलाकों में भी लोगों ने ऐसे ही व्यवसाय शुरू कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों के लिए वो एक प्रेरणा बन चुकी हैं। तो देखा… गांव में भी काम किया जा सकता है। पैसे कमाए जा सकते हैं। नाम कमाया जा सकता है। बस सोच को विस्तार देने की जरूरत है।