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Mughal Harem: मुगलों के हरम में रानियों के साथ चौबीसों घंटे रहते थे किन्नर, रानियों की खुशी के लिए दिनरात करते थे ये काम

हमारे इतिहास में मुगल बादशाह अकबर के बारे में सिर्फ उनकी शक्ति, बुद्धि, बड़ी सेना और राजनीतिक क्षमता की चर्चा होती है।
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मुगलों के हरम में रानियों के साथ चौबीसों घंटे रहते थे किन्नर
   

हमारे इतिहास में मुगल बादशाह अकबर के बारे में सिर्फ उनकी शक्ति, बुद्धि, बड़ी सेना और राजनीतिक क्षमता की चर्चा होती है। लेकिन इसके पास मुगलों का एक इतिहास है जो कभी नहीं पढ़ा या बताया गया है। यहां आगे हम आपको अकबर की मनोहर कहानियां बताने जा रहे हैं।

अकबर के हरम में 5000 महिलाएं थीं, जो उनकी सेवा करती थीं, इसलिए इसे अय्याश कहा जाता है।अकबर के हरम की कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन हम यहाँ केवल किन्नरों के बारे में बात करेंगे। आज हम आपको मुगल हरम की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान कर देगी।

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जैसा कि आप जानते हैं, अकबर के हरम में पांच हजार महिलाएं थीं। लेकिन इस हरम में किन्नर भी थे। अब आप सोच रहे होंगे कि किन्नर क्या करते होंगे। दरअसल, हरम में किन्नरों को रखने की योजना थी। आइए देखें कि इस हरम में किन्नर रात भर क्या करते थे। 

हरम में किन्नरों का काम

लेखक निकोलाओ ने कहा कि किन्नर अकबर के बहुत विश्वासपात्र थे। इसलिए किन्नर हरम में सैनिक थे। किन्नर ही हरम की पूरी सुरक्षा करते थे। दरअसल, महिलाएं रानियों की सेवा करती हैं।महिलाएं शारीरिक रूप से इतनी शक्तिशाली नहीं थीं कि वे खुद को बचाने के लिए तैयार हों। इसलिए किन्नर हरम की सुरक्षा करते थे। 

इस काम के लिए मिलता था मेहनताना

हरम में महिलाओं और किन्नरों को वेतन मिलता था। दरोगा को सबसे अधिक एक हजार रुपये मिलते थे। शेष लोगों को प्रति महीने दो रुपये मिलते थे। ये लोग इससे अपने घर का पालन-पोषण करते थे।