अजीबोगरीब परिवार जो 4 'पैरो' पर चलकर करते है काम, असली कारण तो आजतक कोई नही बता पाया
दुनिया अजीब रहस्यों से भरी है। इंटरनेट पर आपको अजीबो गरीब कहानियां, किस्से और जानकारियां मिल जाएंगी। हम सबको तो पता ही है कि पृथ्वी पर इंसान ही सबसे बुद्धिमान प्राणी है। इंसान दो पैरों से चलते हैं। उसके दो हाथ होते हैं लेकिन एक ऐसी खबर है जिसे पढ़कर आप हैरान हो सकते हैं।
दरअसल, खबर ये है कि दुनिया में एक ऐसा परिवार है जिसके सदस्य जानवरों की तरह चलते हैं यानी वो चलने या दौड़ने के लिए अपने दोनों पैर और दोनो हाथ का इस्तेमाल करता है। आइए इसके बारे में और जानने की कोशिश करते हैं।
तुर्की का है मामला
जिस परिवार की हम बात कर रहे हैं दरअसल, वो तुर्की के एक गांव में रहता है। इस परिवार में पांच लोग हैं। इस परिवार का नाम उलास परिवार है। सन 2000 में एक रिसर्च पेपर भी पब्लिश हुआ था। सांइटिफिक पेपर में इस परिवार के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी भी दी गई थी।
6 लोग जानवरों की तरह चलते हैं
जब इस परिवार को लेकर रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ उसके कुछ साल बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) के मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर निकोलस हम्फ्रे इस परिवार से मिलने तुर्की पहुंचे। इस परिवार में माता पिता और उनके 18 बच्चे थे। इनमें से 6 लोग जानवरों की तरह चलना पसंद करते थे।
प्रोफेसर निकोलस हम्फ्रे के लिए ये नजारा बेहद नया था। वो कहते हैं कि उन्होंने कभी ऐसा सोचा नहीं था की जानवरों की तरह चलने वाले इंसान भी होंगे। कैसे कोई मार्डन इंसान जो दो पैरों पर चलता है वो पशु की तरह कैसे चल सकता है।
इस परिवार के सदस्यों को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि उलास परिवार के सदस्यों का पैरों पर चलने की वजह आनुवंशिकता हो सकती है। हालांकि इस परिवार के लोग चार पैरों पर क्यों चलते हैं इसके पीछे की कोई मजबूत वजह पता नहीं चल सकी है।
सिकुड़ा है दिमाग का हिस्सा
छह भाई-बहन जो चार पैरों पर चलते थे उनमें से पांच जीवित हैं। एक की मृत्यु हो चुकी है। उनकी उम्र 22 साल से लेकर 38 साल तक बताई जा रही है। इनकी एमआरआई स्कैन से पता चला था कि इनके मस्तिष्क का एक हिस्सा सिकुड़ा हुआ है। सुकडे हुए हिस्से को सेरेबेलर वर्मिस कहा जाता है। इस परिवार को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है।