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पंजाब सरकार ने प्रदेश के स्कूलों के लिए जारी किया शख्त ऐलान, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर राज ने हाल ही में स्थानीय स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रशासकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्कूल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए "सुरक्षित...
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सब डिविजनल मजिस्ट्रेट बलबीर राज ने हाल ही में स्थानीय स्कूलों के प्रिंसिपलों और प्रशासकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्कूल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए "सुरक्षित स्कूल वाहन" योजना के तहत विभिन्न उपायों पर चर्चा करना था।

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उपजिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसे सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे। इस प्रकार "सुरक्षित स्कूल वाहन" योजना के माध्यम से जिला प्रशासन छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है और स्कूल प्रशासन को भी इस दिशा में सक्रिय रूप से कदम उठाने की अपेक्षा की जा रही है।

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सुरक्षा उपायों की विस्तृत चर्चा

बैठक में स्कूल प्रिंसिपलों को विस्तार से समझाया गया कि उन्हें अपनी स्कूल बसों के लिए किन-किन सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। इनमें बसों की फिटनेस, प्रदूषण प्रमाणपत्र, वैध इंश्योरेंस, स्पीड गवर्नर की उपस्थिति और ड्राइवर तथा हेल्पर की उचित वर्दी शामिल हैं। इसके अलावा स्कूल बसों पर 'स्कूल बस' अवश्य लिखा होना चाहिए और चालक के पास हैवी ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।

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नियमों का कड़ाई से पालन

बलबीर राज ने स्पष्ट किया कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर गंभीर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूल बसों में विद्यार्थियों की क्षमता से अधिक भर्ती न की जाए और नियमों का कड़ाई से पालन हो। उल्लंघन की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ स्कूल बसों को जब्त भी किया जा सकता है।

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सुरक्षा निरीक्षण और जीरो टॉलरेंस नीति

डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने स्कूल बसों का व्यापक निरीक्षण अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्कूल बसें नियमों का पालन कर रही हैं।

जिला प्रशासन ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और कहा है कि छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भविष्य में इस अभियान को और तेज किया जाएगा ताकि छात्र सुरक्षित रूप से स्कूल जा सकें।