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भारत में इस जगह रहता है दुनिया का सबसे बड़ा बौने लोगों का परिवार, फैमिली के 21 में से 18 लोग है बौने और इस तरह बिताते है अपनी ज़िंदगी

बौनापन का अर्थ है शरीर का विकास कम होना या अंगों का छोटे रह जाना। बौनापन आमतौर पर जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से होता है जिससे शरीर के विकास पर असर पड़ता है।
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indias biggest dwarf family
   

बौनापन का अर्थ है शरीर का विकास कम होना या अंगों का छोटे रह जाना। बौनापन आमतौर पर जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से होता है जिससे शरीर के विकास पर असर पड़ता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसे परिवार की फोटोज वायरल हो रही है, जिसके 21 सदस्य में से 18 लोग बौने हैं।

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दूसरे सभी परिवारों से अलग ये परिवार

बता दे की हैदराबाद में रहने वाला ये परिवार वहां के दूसरे सभी परिवारों से अलग है। राम राज चौहान के परिवार के लोग अन्य सभी लोगों से अलग दिखाई देते है क्योंकि उनके परिवार के ज्यादातर लोग बौनें हैं। राम राज के परिवार में कुल 21 सदस्य हैं जिनमें से 18 लोग बौने थे।

जिनमे से Achondroplasia नाम की बीमारी के चलते कई चल बसे। वर्तमान में उनके परिवार में 10 लोग हैं, जिनमें से 9 बौने हैं। बौने होने के वजह से इन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है। छोटे पैरों के कारण इन्हें पैदल चलने में भी काफी मुश्किल आती है। राम राज के परिवार को लोगों के तानों का सामना भी करना पड़ता है।

बौनेपन को लेकर मजाक उड़ाते हैं लोग

परिवार के मुखिया, 52 वर्षीय राम राज बताते हैं की , ‘हम जब भी कहीं बाहर निकलते हैं, लोगों की भीड़ से घिर जाते हैं। वो हमसे तरह-तरह के सवाल पूछते हैं। आप इतने छोटे क्यों हो? कहां से आए हो? हर कोई कमेंट करता है।’

फ़िलहाल, राम राज बैंक्वेट हॉल और शादी समारोह के बाहर खड़े होकर मेहमानों का स्वागत करने का काम करते हैं लेकिन उन्हें नौकरी की जरूरत है, क्योंकि परिवार की जरूरत बड़ी है। कोई उन्हें नौकरी देने के लिए तैयार नहीं होता। जो भी मिलता है, पूछता है कि आखिर आप काम कैसे करेंगे?

नौकरी तलाशने में कठिनाई

राम राज की 27 वर्षीय बेटी अंबिका अकाउंटेंट की नौकरी करना चाहती है लेकिन वह Achondroplasia नामक रोग से पीड़ित है, जो उन्हें पिता से मिला है। उसे भी नौकरी तलाशने में कठिनाई हो रही है।

अंबिका कहती है कि, वह लंबी नहीं है, इसलिए वह रिजेक्ट कर दी जाती है। अंबिका का छोटा भाई टेलीफोन बूथ में काम करता है और बड़े भाई की पत्नी टेलर है। जैसे-तैसे सब अपना गुजारा कर रहे हैं।