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दुनिया का सबसे अनोखा जीव जो जन्म लेते ही अपनी मां को खा जाता है, वजह भी आपको हैरान कर देगी

आज तक आपने विभिन्न जीवों के बारे में कई दिलचस्प कहानियां सुनी होंगी और उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में भी सुना होगा।
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आज तक आपने विभिन्न जीवों के बारे में कई दिलचस्प कहानियां सुनी होंगी और उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में भी सुना होगा। आज हम बिच्छू, एक बहुत जहरीला और खतरनाक जीव, के बारे में आपको बताएंगे। बिच्छू जितना छोटा होता है, उतना ही खतरनाक होता है। वह अपने डंक से किसी को मार डालता है। बिच्छू का डंक इंसान को पैरालाइज भी कर सकता है। बिच्छू के जहर से भी कई प्रकार की दवा बनाई जाती है।

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आपने देखा होगा कि बिच्छू अक्सर पत्थर या ईट के नीचे रहते हैं। ये ब्राउन, काले, मिट्टी रंग के या डार्क भूरे रंग के हो सकते हैं। इनका शरीर लंबा संकरा है और "शिरोवक्ष" और "उदर" में विभाजित है। आप हैरान हो जाएंगे कि बिच्छू की दुनिया भर में लगभग 2,000 से ज्यादा प्रजातियां हैं। बिच्छू लगभग 20०C से 37०C डिग्री सेल्सियस के तापमान को पसंद करता है। लेकिन ये जला देने वाली गर्मी और ठंड को भी आसानी से सहन कर लेते हैं।

बिच्छू अक्सर छोटे कीड़ों का शिकार करते हैं। बिच्छू अपने शिकार पर डंक मारकर उसके शरीर में जहर छोड़ देते हैं। इससे उसका शिकार पैरालाइज हो जाता है और जिंदा ही खा जाता है। इसके अलावा, एक मादा बिच्छू एक समय पर लगभग सौ बच्चों को जन्म देती है, जो बाद में खुद को खाते हैं। आप सही सुन रहे हैं: मादा बिच्छू अपने बच्चों को अपनी पीठ पर बैठाकर किसी सुरक्षित स्थान ले जाती है और तब तक उनकी पीठ पर बैठे रहती है, जब तक वे उन्हें खाकर खोखला नहीं कर देती।

दरअसल, कहा जाता है कि बिच्छू के बच्चे जन्मते ही अपनी मां की पीठ पर चिपक जाते हैं। उसकी मां का शरीर फिर उन बच्चों का भोजन बनता है। जब तक मादा बिच्छू मर नहीं जाती, उसके बच्चे उसके पीठ से चिपके रहते हैं। जब मादा बिच्छू मर जाती है और उसका सारा मांस खत्म हो जाता है, तब तक उसके बच्चे उसके पीठ से नहीं उतरते। मादा बिच्छू मर जाती है, लेकिन उसके बच्चे स्वतंत्र रहते हैं।