जिस रेगिस्तान में पानी की बूंद तक नही मिलती वहां हुई थी भारी बर्फ़बारी, जाने आख़िर किस कारण हुआ ये सब
अजीब-गरीब चीजें हमारी धरती पर हैं। कभी-कभी हमें दुनिया के अलग-अलग स्थानों से विचित्र घटनाएं सुनने को मिलती हैं, जिनमें से कुछ हमें हैरान करते हैं। आज हम एक ऐसी ही घटना बताने जा रहे हैं। तपती गर्मी अक्सर रेगिस्तान को बताती है। इसका कारण विशिष्ट परिस्थितियां हैं।
गर्म हवाएं वहाँ चलती हैं। नार्थ अमेरिका का रेगिस् तान भी इसी तरह का स्थान है। जहां गर्मियों में आग लगती है लेकिन वहां दशकों बाद बर्फबारी हुई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इसे देखकर हैरान हैं। हम सोनोरन रेगिस्तान, उत्तरी अमेरिका की बात कर रहे हैं।
यह रेगिस्तान लगभग एक लाख वर्गमील में फैला हुआ है और गर्मी के दिनों में तापमान 48 डिग्री सेल् स ियस तक रहता है। यहां केवल धूल होगी। पानी कहीं भी नहीं है, इसलिए यहां रहना संभव नहीं है। लेकिन कुछ दिन पहले यहां बहुत बर्फबारी हुई थी।
जैक डायकिंगा, पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता लैंडस्केप फ़ोटोग्राफ़र, ने इस महान दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया। तस् वीरों में बर्फ से ढंके कैक् टस। 1976 से सोनोरन रेगिस्तान की फोटोग्राफी कर रहे डायकिंगा ने कहा कि इस क्षेत्र में दशकों से बर्फ नहीं गिरी है। यहां बर्फबारी देखना अलौकिक है।
आर्कटिक से आने वाली ठंडी हवाओं का रास्ता बदला
अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस विभाग के मौसम विज्ञानी बियांका फेल्डकिर्चर ने इसे अल नीनो का प्रभाव बताया। उनका कहना था कि प्रशांत क्षेत्र का पैटर्न निरंतर बदल रहा है। ऐसे हालात का कारण आर्कटिक की ओर से दक्षिण की ओर जाने वाली हवाएं थीं।
इसलिए इस सर्दी में पश्चिमी अमेरिका में बहुत हिमपात हुआ। उत्तरी एरिजोना में फ्लैगस्टाफ में 70 से अधिक वर्षों में सबसे भारी बर्फबारी 11 फीट से अधिक गिरी है।
दुनिया का अकेला रेगिस्तान जहां होती है बर्फबारी
आपको बता दें कि विश्व में एकमात्र रेगिस् तान है जहां बर्फ गिरती है। यूकोन, कनाडा, दुनिया का सबसे अलग रेगिस्तान है। कारक्रॉस इसका नाम है। विशेष बात यह है कि इसे पार करने के लिए आपको कुछ समय की नहीं, पूरे दिन की आवश्यकता होगी।
क्योंकि यह रेगिस्तान सिर्फ एक वर्ग मील का है। यह ऊंचाई पर है, इसलिए सर्दी के मौसम में यहां अधिक ठंड होती है। वहीं, मौसम बदलते ही यहां बर्फबारी होती है।