home page

दुनिया की ये अनोखी यूनिवर्सिटी जो ख़ाली बैठे रहने पर दे रही है डेढ़ लाख रुपए , जाने किस कारण के चलते यूनिवर्सिटी दे रही है फ़्री के पैसे

हर दूसरा-तीसरा आदमी ये ही चाहता है कि यार ऐसा हो जाए कोई काम ना करने पड़े और बैंक में पैसे भी आ जाए लाखों। हर दिन कस्सम से रविवार ही हो। लेकिन दोस्त मंडे एक सच्चाई है, बाकी सभी हवाई है। ऐसा सच्ची तो नहीं हो सकता ना यार। पर जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी ने ये ऑफर दिया है। यहां कुछ भी काम नहीं करना… ऊपर से 1.41 लाख रुपये ​भी मिलेंगे।

 | 
german-university
   

हर दूसरा-तीसरा आदमी ये ही चाहता है कि यार ऐसा हो जाए कोई काम ना करने पड़े और बैंक में पैसे भी आ जाए लाखों। हर दिन कस्सम से रविवार ही हो। लेकिन दोस्त मंडे एक सच्चाई है, बाकी सभी हवाई है। ऐसा सच्ची तो नहीं हो सकता ना यार। पर जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी ने ये ऑफर दिया है। यहां कुछ भी काम नहीं करना… ऊपर से 1.41 लाख रुपये ​भी मिलेंगे।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

1600 यूरो देगी यूनिवर्सिटी

‘द गार्जियन‘ की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के हैमबर्ग की यूनिवर्सिटी ऑफ फाइन आर्ट्स ‘Idleness Grant’ ऑफर देने का प्लान बना रही है। इसके तहत ये होगा कि यूनिवर्सिटी ​बिना किसी काम के बैठे रहने के लिए आवेदनकर्ताओं को 1,600 यूरो देगी। भारतीय कंरसी में करीब-करीब मामला 1.41 लाख रुपये बैठता है।

fdsgf

कुछ भी नहीं करने के लिए मिलेगी ये रकम

ये भी पढिए :- फ़ौज की ड्यूटी करके 11 महीने बाद लौटी मां ने अपनी बेटी को दिया तगड़ा सरप्राइज़, बेटी का रिएक्शन देख आप भी नही रोक पाएँगे अपनी हंसी

यूनिवर्सिटी एप्लीकेशन फॉर्म में कुछ सवाल भी पूछे जाएंगे। जैसे… आप क्या नहीं करना चाहते हैं, ​आप कितनी देर तक कोई काम नहीं करना चाहते हैं, आपको क्यों नहीं लगता कि किसी काम को​ नहीं करना चाहिए। बता दें कि ये एक तरह का शोध है। जिसे डिजाइन थियरिस्ट फ्रेडरिक वॉन बोरिस (Friedrich von Borries) ने तैयार किया है। ये पूरा कॉन्सेप्ट उनका ही है। फ्रेडरिक का कहना है कि इसका उद्देश्य यह समझना है कि किस प्रकार स्थिरता और उच्च प्रशंसा एकसाथ मौजूद हो सकती हैं।

क्या समझना चाहते हैं वो?

फ्रे​डरिक कहते हैं, ‘हम ‘सक्रिय निष्क्रियता’ पर फोकस करना चाहते हैं। अगर आप कहते हैं कि एक सप्ताह तक अपनी जगह से​ नहीं हिलेंगे। तो यह इंप्रेसिव बात होगी। अगर आप न हिलना और न ही सोचना चाहते हैं तो यह शानदार होगा।’ ​यूनिवर्सिटी ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए 15 सितंबर तक एप्लीकेशन भरा जा सकता है। जनवरी 2021 तक इस क्वॉलिफाई करता है तो उन्हें रकम का भुगतान किया जाएगा। तो भैया… ध्यान किधर है?