home page

जमीन खरीदने के नियमों में पट्टा और रजिस्ट्री में क्या है खास फर्क, जाने जमीन खरीदते वक्त कौनसा करवाना है ज्यादा सही

घर या जमीन खरीदने से पहले उसकी पूरी तरह से छानबीन करना और डॉक्यूमेंट्स चेक करना जरूरी होता है। यह जरूर चेक कि जाता है कि जमीन पट्टे वाली है या उसकी रजिस्ट्री है। जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है तो....
 | 
Difference Between lease and registry
   

घर या जमीन खरीदने से पहले उसकी पूरी तरह से छानबीन करना और डॉक्यूमेंट्स चेक करना जरूरी होता है। यह जरूर चेक कि जाता है कि जमीन पट्टे वाली है या उसकी रजिस्ट्री है। जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है तो उसके सामने तीन तरह की जमीन के विकल्प होते हैं।

आइए जानते हैं कि इन तीनों तरह की जमीन रजिस्ट्री, नोटरी और पट्टे वाली में से कौन सी सबसे बढ़िया होती है और पट्टे और रजिस्ट्री में क्या अंतर होता है। कुछ लोग पट्टे वाली जमीन को लेकर कंफ्यूज रहते हैं तो आज इसे दूर कर लीजिए....

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

ये भी पढ़िए :- हरियाणा के इन 600 स्कूलों पर सरकार लेने जा रही है बड़ा ऐक्शन, विभाग ने तैयार किया स्कूलों का लिस्ट

रजिस्ट्री वाली जमीन जिस पर हम आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं। दूसरी नोटरी वाली जमीन होती है। जिस पर भी भरोसा किया जा सकता है। वहीं तीसरी है पट्टे वाली जमीन जिसे लेकर हमेशा से उलझन बनी रहती है कि इसे खरीदना चाहिए या नहीं। 

जानिए किसे कहते हैं पट्टे वाली जमीन

दरअसल, सरकार की ओर से देश की स्थितियों और नई-नई योजनाओं के तहत लोगों को जमीन का पट्टा दिया जाता है। इस पट्टे के तहत भूमिहीन परिवारों को आवास के लिए छोटी सी सरकारी मदद दी जाती है।

ऐसी जमीन पर सरकारी के अलावा किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार नहीं होता। सरकार किसी मकसद से ये जमीन गरीब परिवारों को पट्टे पर देती है, लेकिन इस पर जमीन का मालिकाना हक उस परिवार को बिल्कुल भी नहीं मिलता।

पट्टे की जमीन से जुड़ी अहम बातें

  • पट्टा सरकार की ओर से तय किए गए नियमों के अलग-अलग प्रकार पर निर्भर करता है। 
  • पट्टे कई प्रकार के होते हैं, जिसकी अवधि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार होती है।
  • पट्टे वाली संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को ना ही बेच जा सकता है और ना ही ट्रांसफर किया जा सकता है। 
  • जमीन को बेचने की सुविधा व्यक्ति को दिए गए पट्टे के प्रकार पर निर्भर करती है। 
  • तय समय सीमा के बाद निर्धारित प्रक्रिया के साथ व्यक्ति को उसका नवीनीकरण करा के पट्टा दोबारा से लेना पड़ता है।
  • सरकार द्वारा तय मापदंडों एवं शर्तों के अनुसार पट्टा स्थानीय निकाय द्वारा जारी किया जाता है। 

ये भी पढ़िए :- पंजाब-हरियाणा के लोगों के लिए अगले 24 घंटे हो सकते है भारी, इन जिलों में बारिश के साथ गिरेंगे ओले

रजिस्ट्री वाली  जमीन

रजिस्ट्री होने पर क्रेता को अपनी संपत्ति किसी और व्यक्ति के नाम ट्रांसफर करने या बेचने का अधिकार होता है। रजिस्ट्री में विक्रेता, खरीददार और गवाह की जरूरत होती है। रजिस्ट्री के बाद क्रेता उस जमीन का मालिक होता है। फिर उसकी मरम्मत और रखरखाव की भी जिम्मेदारी खरीददार की ही होती है।