RO से निकले हुए एक्स्ट्रा पानी से नहाना सही है या नही, जाने इसके पीछे की सच्चाई
आज के समय में स्वच्छ और शुद्ध पानी की जरूरत ने लोगों को घरों में वाटर प्यूरीफायर लगवाने के लिए प्रेरित किया है। जैसे-जैसे पानी के स्रोतों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। वैसे-वैसे शुद्ध पानी की उपलब्धता घटती जा रही है। इसी कारण वाटर प्यूरीफायर आज हर घर की आवश्यकता बन चुका है।
वाटर प्यूरीफायर का उपयोग करते समय निकलने वाले अपशिष्ट जल का समझदारी से उपयोग करना हमारे संसाधनों को संरक्षित करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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पानी प्यूरीफाई करने में बर्बादी
एक बड़ी चिंता की बात यह है कि पानी को शुद्ध करते समय काफी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। आमतौर पर एक लीटर पानी को प्यूरीफाई करने के लिए तीन लीटर पानी की खपत होती है। यह स्थिति पानी की बचत के प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है।
पानी का दूसरे कामों में उपयोग
प्यूरीफायर से निकलने वाले अपशिष्ट जल का सही उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। इस पानी को पीने या नहाने के लिए उपयोग करना सुरक्षित नहीं होता क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड्स (टीडीएस) होते हैं। यह पानी आपके त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
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अपशिष्ट जल के स्मार्ट उपयोग
आप इस अपशिष्ट जल का उपयोग अपनी कार धोने या आपके घर के बगीचे को सींचने में कर सकते हैं। खासतौर पर बागवानी में इस जल का उपयोग करना एक उत्तम विकल्प है क्योंकि इससे न केवल पानी की बचत होती है।
बल्कि पौधों को पर्याप्त मात्रा में जल भी मिल जाता है। हालांकि पहले छोटे पैमाने पर परीक्षण करना उचित रहेगा कि कहीं यह पानी पौधों को हानि तो नहीं पहुँचा रहा।