प्लेन की खिड़कियाँ गोल ही क्यों होती है चौकोर क्यों नही, जान लो असली वजह है काफ़ी इंटरेस्टिंग
घरों में या ऊंची इमारतों में आपको हमेशा ही चौकोर या रेक्टैंगल आकार की खिड़किया नजर आती होंगी. यहां तक कि घर में प्रयोग होने वाले बहुत से उपकरणों के दरवाजे भी चौकोर ही होते हैं मगर क्या आपने कभी सोचा है कि प्लेन की खिड़कियां गोल आकार की क्यों होती हैं?
आप कहेंगे कि वो तो सिर्फ डिजाइन के लिए बनाया गया होगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. आप शायद नहीं जानते होंगे कि प्लेन की खिड़कियों को गोल बनाने का एक अलग ही वजह भी है। हाउ स्टफ वर्क्स वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार काफी साल पहले जब कमर्शियल एयरलाइन्स की शुरुआत हुई थी।
उस समय कमर्शियल एयरलाइन्स खिड़कियां चौकोर ही बनाई जाती थीं. उस दौरान लोगों का मानना था कि अगर घरों और अन्य इमारतों में चौकोर खिड़कियां कारगर साबित होती हैं तो फिर प्लेन में क्यों नहीं।
मगर अतीत में कुछ बेहद अजीबोगरीब और दर्दनाक प्लेन दुर्घटनाएं घटीं जिससे इंजीनियर्स ने फिर से प्लेन की खिड़कियों का डिजाइन ठीक करने के बारे में सोचा।
चौकोर खिड़कियों के क्या थे नुकसान
आपको जानकर हैरानी होगी कि चौकोर खिड़की के कारण 1953 और 1954 में दो प्लेन क्रैश हुए। इंजीनियर्स ने पाया कि चौकोर खिड़कियों के कारण खिड़की में कमजोर स्पोट बनता था, जिससे मेटल फटीग फेलियर हुआ।
हवा के दबाव के कारण यानी खिड़की के कोने बहुत कमजोर हो गए और खिड़कियां टूट गईं। 1950 तक बहुत सी फ्लाइटें काफी ऊंचाई पर उड़ती थीं। यही कारण था कि हवा के दबाव से खिड़कियां टूटना लाजमी था।
गोल खिड़कियां कैसे होती हैं फायदेमंद
इसलिए गोल खिड़कियां बनने लगीं। गोल खिड़कियां प्रेशर को पूरी खिड़की में बराबरी से बाँटती हैं, इसलिए खिड़की के किसी कोने पर दबाव नहीं रहता। ऐसे में हवा का अधिक दबाव क्रैक या टूटने का खतरा भी नहीं है। गोलाकार आकार मजबूत होते हैं और विरूपण से बचते हैं।
जिससे वे विमान के अंदर और बाहर बदलते दबाव को सहन कर सकते हैं। आपने प्लेन के कांच की कई लेयर और शीशे में एक महत्वपूर्ण छेद भी देखा होगा। जो बेहद जरूरी होती है।