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शराब के पेग लगाने के बाद शराबी क्यों नही कर पाता खुद पर कंट्रोल, दिमाग़ को बहकाने का काम करती है ये ख़ास चीज़

लोग मौज मस्ती करते हैं और इस दौरान कई बार शराब भी पी लेते हैं. शराब पीने के बाद लोगों की जुबान से कुछ भी निकलता रहता है और वह किसी भी तरह व्यवहार करने लगते हैं.
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alcohol side effects
   

लोग मौज मस्ती करते हैं और इस दौरान कई बार शराब भी पी लेते हैं. शराब पीने के बाद लोगों की जुबान से कुछ भी निकलता रहता है और वह किसी भी तरह व्यवहार करने लगते हैं.

लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि शराब पीने के बाद हम अपने शरीर पर क्यों नियंत्रण खो देते हैं? क्यों हम फ्रैंक हो जाते हैं और कुछ भी बोलने लगते हैं. आइए आज इसके बारे में जान लेते हैं कि इसका वैज्ञानिक कारण क्या है.

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सोचने समझने की शक्ति घट जाती है

दरअसल, शराब पीते ही हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. शराब दिमाग के न्यूरॉन पर सीधा असर डालता हैं, इससे मस्तिष्क की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं.

जिससे ब्रेन में न्यूरॉन की संख्या में भी कमी आती है. हमारी सोचने समझने की शक्ति घट जाती है. शराब पीने से इसीलिए दिमाग पर कंट्रोल में नहीं रहता है. 

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क्या होता है हिप्पोकैंपस

इसके चलते हमें बोलने में भी कठिनाई होती है. शराब पीने के बाद वाली अवस्था को 'ब्लैकआउट' भी कहते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज़ एंड एल्कोहलिज़्म के मुताबिक शराब सीधा दिमाग पर चढ़ जाती है.

शराब के नशे में बेहोश होने के दौरान दिमाग का वो हिस्सा जिसे हिप्पोकैंपस कहते हैं, कुछ समय के लिए बिगड़ जाता है. हिप्पोकैंपस वो हिस्सा होता है, जो तमाम तरह की जानकारियों को याददाश्त के लिए एक फाइल के तौर पर स्टोर करता है. 

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अमेगडाला हमें ख़तरे से सतर्क करता है 

इसके अलावा हिप्पोकैंपस को जानकारी देने वाले दिमाग के दो अन्य हिस्से फ़्रंटल लोब और अमेगडाला भी प्रभावित होते हैं. फ़्रंटल लोब दिमाग़ का विचार बुद्धि वाला हिस्सा है. जबकि, अमेगडाला हमें ख़तरे के बारे में सतर्क करता है. एक्पर्ट्स का यह भी मानना है कि शराब का अत्यधिक सेवन हमारे दिमाग के कॉग्निटिव फंक्शन पर गहरा प्रभाव होता है.