home page

गर्मियों में सड़क के ऊपर चलता हुआ पानी क्यों आता है नजर, जाने किस कारण होता है ऐसा नजारा

अक्सर हमें ऐसा लगता है कि कुछ चीजें हमारे आस-पास मौजूद हैं लेकिन वास्तव में वे नहीं होतीं। ऐसी स्थितियां हमें भ्रमित कर देती हैं और यह भ्रम की स्थिति कहलाती है। इनमें से एक विशेष भ्रम है मृग मरीचिका जिसे अंग्रेजी में....
 | 
Optical Illusion DESERT
   

अक्सर हमें ऐसा लगता है कि कुछ चीजें हमारे आस-पास मौजूद हैं लेकिन वास्तव में वे नहीं होतीं। ऐसी स्थितियां हमें भ्रमित कर देती हैं और यह भ्रम की स्थिति कहलाती है। इनमें से एक विशेष भ्रम है मृग मरीचिका जिसे अंग्रेजी में 'Mirage' कहते हैं। इसका अनुभव अक्सर गर्मियों में होता है जब तेज धूप के कारण सड़क पर चलते समय आपको पानी का भ्रम होता है।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

इस तरह की नैसर्गिक घटनाएं न केवल भौतिक विज्ञान की समझ को बढ़ाती हैं बल्कि ये हमें प्रकृति के अद्भुत और रहस्यमय पहलुओं से भी परिचित कराती हैं। मृग मरीचिका का अध्ययन और इसकी बेहतर समझ हमें इस दुनिया के कई अनछुए राजों से अवगत कराती है साथ ही यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध करती है।

ये भी पढ़िए :- ब्लैक माम्बा जैसे ख़तरनाक सांप को कच्चा ही चबा गया पानी का राक्षस, मिनट में ही कर दिया काम तमाम

मृग मरीचिका की वैज्ञानिक व्याख्या

मृग मरीचिका एक प्राकृतिक विज्ञान की घटना है जो विशेष रूप से उच्च तापमान में होती है। जब आप गर्मी के दिनों में सड़क पर चलते हैं तो अक्सर आपको दूरी पर सड़क पर पानी फैला हुआ दिखाई देता है। यह पानी वास्तव में नहीं होता बल्कि आपके आगे बढ़ने के साथ ही यह 'पानी' भी आगे बढ़ता चला जाता है।

इस घटना का मुख्य कारण है सूर्य की रोशनी का अलग-अलग तापमान वाली हवा की परतों से गुजरना। जब यह रोशनी गर्म सतह से ठंडी हवा की परतों में प्रवेश करती है तो यह प्रकाश के अपवर्तन को प्रभावित करती है और एक भ्रामक छवि बनाती है।

ये भी पढ़िए :- सऊदी अरब में रेगिस्तान में आई हरियाली को देख हर कोई हैरान, लोग बोले आने वाली है कयामत

मृग मरीचिका 

मृग मरीचिका शब्द की उत्पत्ति और इसका नामकरण भी बड़ा रोचक है। यह शब्द राजस्थान से आता है जहां रेगिस्तानी इलाकों में गर्मी के दौरान हिरणों को दूर से दिखाई देने वाली 'पानी की लकीरें' अक्सर भ्रमित करती हैं।

हिरण जिसे संस्कृत में 'मृग' कहा जाता है इस पानी की तलाश में भटकता रहता है लेकिन वास्तव में उसे पानी नहीं मिलता। इसी से यह शब्द 'मृग मरीचिका' की उत्पत्ति हुई जिसका अर्थ है 'हिरणों का भ्रम'।