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गर्मियों में आम को खाने से पहले भिगोकर रखना क्यों है ज़रूरी, जाने इसके पीछे की सच्चाई

गर्मियों के आगमन के साथ ही आम के मौसम की भी शुरुआत हो जाती है। भारत में आम के प्रति लोगों का लगाव देखते ही बनता है। विभिन्न प्रकार के आम जैसे कि दशहरी, केसर, लंगड़ा और हापुस हमें अपने स्वाद का मोहित करते हैं।
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गर्मियों के आगमन के साथ ही आम के मौसम की भी शुरुआत हो जाती है। भारत में आम के प्रति लोगों का लगाव देखते ही बनता है। विभिन्न प्रकार के आम जैसे कि दशहरी, केसर, लंगड़ा और हापुस हमें अपने स्वाद का मोहित करते हैं। इस सभी के बीच एक परंपरा जो काफी आम है। वो है आम को पानी में भिगोना।

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आइए जानते हैं कि आम को पानी में क्यों भिगोया जाता है। इस प्रकार गर्मियों के इस मौसम में आम का सही तरीके से आनंद लेने के लिए उन्हें भिगोकर खाना न केवल स्वाद को बेहतर बनाता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।

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आम को भिगोने का कारण

आम को पानी में भिगोने की परंपरा के पीछे कई सारे वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की मुख्य आहार विशेषज्ञ सुषमा पीएस के मुताबिक आम को एक घंटे के लिए पानी में भिगोने से उनमें मौजूद फाइटिक एसिड का स्तर कम हो जाता है। फाइटिक एसिड एक 'पोषक रोधी तत्व' है जो खनिजों के शरीर में अवशोषण को रोकता है।

फाइटिक एसिड का प्रभाव

फाइटिक एसिड जो पौधों के बीजों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। शरीर में आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के अवशोषण को कम कर देता है। इस कारण फाइटिक एसिड को खनिजों की कमी बढ़ाने वाला माना गया है और इसे पोषक-विरोधी तत्व कहा जाता है।

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आम को कितनी देर भिगोना चाहिए?

विशेषज्ञों का कहना है कि आम को कम से कम 1 से 2 घंटे तक पानी में भिगोना चाहिए ताकि इसमें मौजूद फाइटिक एसिड का स्तर कम हो सके। यदि समय की कमी हो, तो कम से कम 25-30 मिनट के लिए भिगोना भी पर्याप्त हो सकता है। यह प्रक्रिया आम के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ उसमें पानी की मात्रा को भी बढ़ाती है, जिससे यह अधिक हाइड्रेटिंग हो जाते हैं।

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आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का समर्थन

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही आम को भिगोने की सिफारिश करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार आम को भिगोने से उसकी ठंडक देने वाली प्रकृति में वृद्धि होती है। जो शरीर की गर्मी को संतुलित कर सकती है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भिगोने की प्रक्रिया आम में पानी की मात्रा बढ़ाने के साथ ही इसके स्वाद और बनावट में सुधार करती है।