कार की तरह बाइक में भी होता है हैंडब्रेक, 99 प्रतिशत लोगों को नही होती जानकारी
use hand brake in scooter: भारतीय सड़कों पर स्कूटरों की बढ़ती मौजूदगी ने उन्हें मोटरबाइक्स के समान ही लोकप्रिय बना दिया है. स्कूटरों की खासियत यह है कि इनमें गियर बदलने की आवश्यकता नहीं होती जिससे ये सभी उम्र के लोगों के लिए आसानी से चलाने योग्य बन जाते हैं. आजकल के स्कूटर डिस्क ब्रेक, डिजिटल मीटर, ब्लूटूथ, और स्मार्टफोन कनेक्टिविटी जैसी उन्नत तकनीकी सुविधाओं से लैस हैं.
स्कूटर में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की भूमिका
स्कूटरों में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स जिसे कन्टिन्यूअस्ली वेरिएबल ट्रांसमिशन (CVT) कहते हैं, इस्तेमाल होता है. यह गियरलेस होने के कारण स्कूटरों को ढलान पर पार्क करने में समस्या उत्पन्न करता है क्योंकि गियर लगाकर पार्क करना संभव नहीं होता.
स्कूटर में हैंड ब्रेक की उपयोगिता
इस समस्या के समाधान के लिए स्कूटरों में कारों की तरह हैंड ब्रेक की सुविधा दी जाती है. हैंड ब्रेक (Handbrake Feature) स्कूटर को ढलान पर भी सुरक्षित रूप से पार्क करने में मदद करता है, और इसे लगाने से स्कूटर अपनी जगह से हिलता नहीं है.
हैंड ब्रेक का संचालन कैसे करें
हैंड ब्रेक का संचालन बहुत सरल है. बाएं ब्रेक लीवर को पूरी तरह से दबाने के बाद ब्रेक लीवर के सामने दिए गए छोटे से लीवर को ऊपर उठाना होता है. यह मेटल का लीवर होता है जो स्कूटर के पिछले पहिये को लॉक कर देता है (Locking the Wheels).
आधुनिक स्कूटरों में हैंड ब्रेक की आवश्यकता
आजकल के स्कूटरों में हैंड ब्रेक के जगह पर क्लिप सिस्टम भी दिया जाता है, जो एक ही तरीके से काम करता है. यह सिस्टम स्कूटर को सुरक्षित रूप से पार्क करने की सुविधा प्रदान करता है, खासकर उन जगहों पर जहाँ ढलान होती है (Effective Parking Solution). इस तरह के नई तकनीक से स्कूटर चालकों को बहुत राहत मिलती है और यात्रा सुरक्षित हो जाती है.