एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा कितने बैंकों में खुलवा सकता है अपना खाता, इस लिमिट से ज्यादा हुए तो हो सकती है दिक्क्त?
आज के समय में बैंक खाता होना लगभग हर किसी के लिए आवश्यक है। चाहे वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो या विभिन्न वित्तीय लेनदेन करना बैंक खाता इन सभी के लिए आधार बन गया है। बच्चों से लेकर वयस्कों तक हर किसी के लिए बैंक खाते की सुविधा उपलब्ध होती है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है।
यह सभी जानकारी आपको न केवल अपने वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद करेगी। बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि आप अपने बैंक खातों का अधिकतम लाभ उठा सकें।
बैंक खातों के प्रकार और उनकी विशेषताएं
विभिन्न जरूरतों के अनुरूप बैंक विभिन्न प्रकार के खाते प्रदान करते हैं। सामान्यतः सेविंग अकाउंट सबसे ज्यादा प्रचलित होता है क्योंकि यह आपकी जमा राशि पर ब्याज भी प्रदान करता है। करंट अकाउंट मुख्यतः व्यवसायियों द्वारा खोले जाते हैं जिनके लेनदेन बहुत ज्यादा होते हैं।
सैलरी अकाउंट जिसे वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है। अक्सर जीरो बैलेंस पर आधारित होता है। जॉइंट अकाउंट का विकल्प दो व्यक्तियों को संयुक्त रूप से खाता संचालित करने की सुविधा देता है।
बैंक खातों की संख्या पर निर्देश
आरबीआई के हालिया अलर्ट के अनुसार किसी व्यक्ति द्वारा खोले जा सकने वाले बैंक खातों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है। यह व्यक्ति की वित्तीय जरूरतों और सुविधाओं के अनुसार निर्धारित होती है। इसलिए आप अपनी आवश्यकता और उपयोगिता के अनुसार एक से अधिक बैंक खाते खोल सकते हैं।
बैंक खातों का प्रबंधन
अधिक संख्या में बैंक खाते खोलने का मतलब है कि आपको प्रत्येक खाते का ध्यान रखना पड़ेगा। इसमें खातों की मासिक न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताओं से लेकर वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क तक सभी पहलुओं का समावेश होता है। यदि आप विभिन्न बैंकों में खाते रखते हैं। तो उनके नियम और शर्तें, फीस संरचना, ब्याज दरें आदि का ज्ञान रखना भी आवश्यक होता है।