इस पेड़ की खेती करके आप भी हो सकते है मालामाल, एकबार पेड़ लगाने के बाद शुरू हो जाएगी कमाई

लाल चंदन जिसे अपनी असाधारण सुगंध और दुर्लभता के कारण देशभर में जानी जाती है आर्थिक रूप से एक अत्यंत लाभकारी फसल है।
 

लाल चंदन जिसे अपनी असाधारण सुगंध और दुर्लभता के कारण देशभर में जानी जाती है आर्थिक रूप से एक अत्यंत लाभकारी फसल है। इसकी लकड़ी सफेद चंदन की तुलना में भी अधिक महंगी होती है जिससे यह खेती निवेशकों के लिए आकर्षक बन जाती है। एक अकेले पेड़ से होने वाली आय कई बार 25 से 30 लाख रुपये तक पहुंच सकती है जो कि खेती की अन्य प्रजातियों की तुलना में काफी अधिक है। इसके अलावा लाल चंदन की खेती से जुड़े लोगों को समाज में विशेष मान-सम्मान भी प्राप्त होता है जो इसे और भी खास बनाता है।

लाल चंदन की खेती की प्रक्रिया और आवश्यकताएं

लाल चंदन की खेती के लिए विशेष प्रकार की मिट्टी और वातावरण की जरूरत होती है। यह पेड़ अधिकतर बलुई मिश्रित मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है, जहां पीएच मान 6.5 से 7.4 के बीच हो। खेती की शुरुआत नर्सरी में की जाती है, जहां से बाद में पौधों को मुख्य खेत में स्थानांतरित कर दिया जाता है। लाल चंदन के पेड़ को पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 12 से 15 वर्ष का समय लगता है, इसलिए इस खेती में धैर्य और दीर्घकालिक निवेश की आवश्यकता होती है।

खेती से पहले कानूनी पहलुओं पर विचार

लाल चंदन की खेती के साथ कई कानूनी पहलू भी जुड़े होते हैं। इस पेड़ की कटाई और बिक्री सरकारी नियमों के तहत नियंत्रित होती है इसलिए इसे शुरू करने से पहले सभी आवश्यक लाइसेंस और परमिट लेना चाहिए। इस पेड़ की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं इसलिए नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षा के लिहाज से खेती के स्थल पर निगरानी और सुरक्षा की भी उचित व्यवस्था करनी चाहिए।