नेत्रहीन युवक ने मां की मदद से क्रैक किया UPSC एग्जाम, 7वीं रैंक हासिल करके बन गया IAS अफसर

भारत में सिविल सेवा परीक्षा को नागरिक सेवा के क्षेत्र में प्रवेश पाने का सबसे कठिन द्वार माना जाता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल आयोजित यह परीक्षा न केवल गहन ज्ञान की परीक्षा होती है।
 

भारत में सिविल सेवा परीक्षा को नागरिक सेवा के क्षेत्र में प्रवेश पाने का सबसे कठिन द्वार माना जाता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल आयोजित यह परीक्षा न केवल गहन ज्ञान की परीक्षा होती है। बल्कि यह उम्मीदवारों की धैर्यता और समर्पण का भी परीक्षण करती है।

लाखों में से कुछ ही उम्मीदवार इसे पास कर पाते हैं। सम्यक जैन की कहानी न केवल व्यक्तिगत दृढ़ता की मिसाल है। बल्कि यह भी दर्शाती है कि परिवार और मित्रों का साथ किसी भी सफलता की कुंजी हो सकता है। उनकी यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो किसी भी प्रकार की बाधाओं का सामना कर रहे हैं।

सम्यक जैन की असाधारण उपलब्धि

दिल्ली के रहने वाले सम्यक जैन ने जो कि एक दिव्यांग उम्मीदवार हैं। सम्यक ने अपनी दृष्टि खोने के बावजूद यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 7वीं रैंक हासिल की। उनकी इस उपलब्धि ने सभी को प्रेरित किया है और यह दर्शाता है कि संकल्प और मेहनत के बल पर कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

माँ का सहयोग और संबल

सम्यक की माँ ने परीक्षा के दौरान उनके लिए पेपर लिखा। जिससे उन्हें परीक्षा देने में मदद मिली। सम्यक ने इस उपलब्धि के लिए अपनी मां का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। जिन्होंने इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में उनका साथ दिया।

सम्यक ने अपनी शिक्षा दिल्ली में पूरी की और बाद में भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इन संस्थानों में उन्होंने जो ज्ञान अर्जित किया। वह उनकी यूपीएससी की तैयारी में सहायक सिद्ध हुआ।

परिवार और मित्रों का साथ 

सम्यक के माता-पिता दोनों ही एयर इंडिया में कार्यरत हैं और उन्होंने हमेशा सम्यक का पूरा समर्थन किया। सम्यक के मित्रों ने भी उनकी तैयारी में मदद की। जिसमें उनके एक दोस्त ने मेन्स परीक्षा के लिए उनका पेपर लिखने में मदद की।