कई गांवो में करोड़ों के खर्च के बाद भी सरकारी योजना रही नाकामयाब, ग्रामीणों को हो रहा तगड़ा नुकसान

सिरसा जिले के विभिन्न गांवों में सरकार द्वारा प्रारंभ की गई अमृत सरोवर योजना का मकसद था जल संचय और ग्रामीण इलाकों को सुविधाजनक बनाना।
 

सिरसा जिले के विभिन्न गांवों में सरकार द्वारा प्रारंभ की गई अमृत सरोवर योजना का मकसद था जल संचय और ग्रामीण इलाकों को सुविधाजनक बनाना। परंतु हाल ही में हुई पहली बरसात ने इस योजना की कलई खोल कर रख दी है। अहमदपुर और दारेवाला जैसे गांवों में करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद योजना केवल कागजी साबित हुई और धरातल पर इसके नतीजे नकारात्मक रहे।

ठेकेदारों द्वारा अधूरे काम और जनता का नुकसान

योजना के तहत काम करने वाले ठेकेदारों पर अनियमितता और घटिया कार्य के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ठेकेदारों ने पैसे लेने के बाद अधूरे और कच्चे काम को छोड़ दिया जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इससे जुड़ी विभिन्न गावों से शिकायतें सामने आई हैं कि करोड़ों रुपये का निवेश महज दिखावे के लिए किया गया था।

दारेवाला गांव में हुई भारी बारिश और इसके परिणाम

दारेवाला गांव में बारिश से भारी नुकसान हुआ है जहां कई घरों में पानी घुस गया और संपत्ति को क्षति पहुंची है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अमृत सरोवर योजना सही से लागू की गई होती तो शायद उन्हें इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता। ग्रामीण अब सरकार से आपदा राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता

इस घटनाक्रम ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही पर फिर से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जनता के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और नियमित समीक्षा की मांग उठ रही है। सरकार को चाहिए कि वह इस प्रकरण की गहन जांच करवाए और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों और ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की दोबारा न हो।