Haryana News: हरियाणा में यहां टैक्सी व ऑटो ड्राइवर्स के लिए लागू हुआ ड्रेस कोड, अगर बिना यूनिफोर्म दिखे तो होगी कार्रवाई

हरियाणा के हिसार जिले में यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक नई पहल की है। इस पहल के अंतर्गत जिला पुलिस प्रशासन ने टैक्सी और ऑटो चालकों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य कर दिया है।
 

हरियाणा के हिसार जिले में यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक नई पहल की है। इस पहल के अंतर्गत जिला पुलिस प्रशासन ने टैक्सी और ऑटो चालकों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य कर दिया है। इस नियम के तहत सभी चालकों को निर्धारित वर्दी में ही अपने वाहन चलाने होंगे और इसकी अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

इस कदम से न केवल टैक्सी और ऑटो चालकों का व्यावसायिक अनुशासन सुधरेगा। बल्कि उन्हें पहचानने में भी आसानी होगी। हिसार में यातायात प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है, जो न केवल चालकों के लिए। बल्कि समग्र यातायात व्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

वर्दी का महत्व और विनिर्देश

यातायात थाना प्रबंधक जयभगवान और जोनल ट्रेफिक इंस्पेक्टर नीरज ने हिसार के मुख्य टैक्सी स्टैंड पर इस नई व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह वर्दी ग्रे रंग की होगी और इस पर छाती के बाएं तरफ बैज भी लगा होगा।

यह बैज चालक की पहचान और उसके रजिस्ट्रेशन नंबर को दर्शाएगा। जिससे यात्रियों को चालक की साख और वाहन की वैधता की जानकारी रहेगी। इस वर्दी को पहनना हर टैक्सी और ऑटो चालक के लिए अनिवार्य होगा और इसकी जानकारी सभी संबंधित यूनियनों को भी दे दी गई है।

कानूनी परिणाम और चालान प्रक्रिया

यातायात पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वर्दी पहनने के नियम का पालन न करने वाले चालकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान काटा जाएगा। यह कार्रवाई उस समय तक जारी रहेगी जब तक सभी चालक नियमों का पालन नहीं करने लगते। चालान की राशि और प्रक्रिया की जानकारी सभी चालकों को पहले से ही दी गई है, ताकि वे समय रहते इस नए नियम का पालन कर सकें।

सामाजिक प्रभाव और नागरिकों की प्रतिक्रिया

इस नए नियम का मकसद यातायात में सुधार लाना है और साथ ही साथ चालकों को अधिक व्यावसायिक बनाना है। नागरिकों का मानना है कि इस नियम से न केवल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों को चालकों की पहचान में भी आसानी होगी। इससे उन्हें अधिक सुरक्षा का अनुभव होगा और अवैध वाहनों की संख्या में भी कमी आएगी।